प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास '7 लोक कल्याण मार्ग' पर थॉमस कप और उबर कप के बैडमिंटन चैंपियंस से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, मैं देश की ओर से पूरी टीम को बधाई देता हूं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि, किसी भी टूर्नामेंट में कोई भी निर्णायक मैच सांस खींच लेने वाला होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, एक समय था जब हमारी टीम थॉमस खिताब जीतने की लिस्ट में काफी पीछे हुआ करती थी। भारतीयों ने इस खिताब का नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन आज आपने इसे देश में लोकप्रिय कर दिया है। इस भारतीय टीम ने यह जज्बा जगाया है कि, मेहनत की जाए तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। दबाव होना ठीक है, लेकिन उसमें गलत है। आपने दबाव से निकलकर इतिहास रचा है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने किदांबी श्रीकांत, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी, लक्ष्य सेन और एचएस प्रणॉय से बात की, उनका हौसला अफजाई किया और उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
Interacted with our badminton champions, who shared their experiences from the Thomas Cup and Uber Cup. The players talked about different aspects of their game, life beyond badminton and more. India is proud of their accomplishments. https://t.co/sz1FrRTub8
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2022
वहीं, किदांबी श्रीकांत ने कहा कि एथलीटों को यह कहते हुए हमेशा गर्व होगा कि हमें अपने प्रधानमंत्री का समर्थन प्राप्त है। भारतीय बैडमिंटन टीम के चीफ कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि पीएम खिलाड़ियों और खेल का अनुसरण करते हैं, और उनके विचार खिलाड़ियों से जुड़ते हैं। भारतीय डबल्स टीम के कोच माथियास बो ने कहा, मैं एक खिलाड़ी रहा हूं और मैंने देश के लिए पदक जीते हैं। लेकिन मेरे प्रधानमंत्री ने मुझे कभी मिलने के लिए नहीं बुलाया। माथियास डेनमार्क के इंटरनेशनल बैडमिंटन प्लेयर रहे हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, आज लक्ष्य सेन ने अफना वादा पूरा किया। उन्होंने फोन पर कहा था कि मिठाई खिलाऊंगा। आज वह मेरे लिए मिठाई लेकर आए हैं। लक्ष्य ने बताया कि पीएम ने अल्मोड़ा की बाल मिठाई मांगी थी। मैं उनके लिए मिठाई लेकर गया था। यह दिल को छू लेने वाला है कि उन्हें खिलाड़ियों की छोटी-छोटी बातें याद रहती हैं।
बता दें कि, भारतयी टीम ने थॉमस कप के फाइनल मुकाबले में 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर पहली बार यह खिताब देश के नाम किया। भारत को थॉमस कप जिताने में कप्तान किदांबी श्रीकांत, चिराग-सात्विक की जोड़ी और युवा शटलर लक्ष्य सेन का रहा। इसके अलावा एचएस प्रणॉय ने भी मुश्किल समय में चोटिल होने के बावजूद जीत हासिल की और देश को चैंपियन बनाया था।