भारत में जहां कोरोना के मरीजों की संख्या 50 लाख के पार पहुंचकर सरकार और लोगों में चिंता का कारण बन रही है तो वहीं एक अच्छी खबर भी है। खबर यह है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ऑक्सफर्ड की कोविड-19 वैक्सीन का परीक्षण फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी। अब यह उम्मीद है कि यह वैक्सीन इसी साल के अंत तक बाजार में आ सकती है।
डीजीसीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट से विपरीत परिस्थतियों से निपटने में नियम के अनुसार तय इलाज की भी जानकारी जमा करने को कहा है। इससे पहले 11 सितंबर को डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के संभावित टीके के क्लिनिकल ट्रायल पर रोक लगाई जाए क्योंकि दिग्गज दवा कंपनी एस्ट्राजेनिका ने अध्ययन में शामिल हुए एक व्यक्ति के 'तबीयत खराब' होने के बाद अन्य देशों में ट्रायल रोक दिया था।
इस वैक्सीन को ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साथ एस्ट्रा जेनेका साथ मिलकर तैयार कर रही है। भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से इस वैक्सीन को तैयार करने का करार किया है। पिछले हफ्ते ही इस वैक्सीन के ट्रायल को ब्रिटेन में दोबारा शुरू किया गया था।
वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर में ट्रांसवर्स मायलाइटिस की समस्या हो गई थी। इसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन हो जाती है जो इन्फेक्शन की वजह से हो सकती है। इस चरण में दुनियाभर में 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं। वैक्सीन अभी जिस ट्रायल में है इसे पार करने के बाद सुरक्षा और असर के डेटा को मंजूरी दिलाने का काम बचेगा।
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