देश में हज़ारों फ़िल्में हर साल बनती और रिलीज़ होती हैं। लेकिन, जब एक छोटे से गाँव से निकला हुआ एक लड़का फ़िल्म बनाये और वह ऑस्कर के सेमि फ़ाइनल तक का सफ़र तय ले, तो यह अपने आप में बहुत बड़ी कामयाबी है। जी, बात हो रही है उसी “चम्पारण मटन” (Champaran Mutton) शार्ट फ़िल्म की, जिसे हाल ही में ऑस्कर्स स्टूडेंट अकादमी अवार्ड के सेमिफ़ाइनल में जगह मिली है। यह फ़िल्म FTII की डिप्लोमा फ़िल्म है और इसकी भाषा अंग्रेज़ी या हिंदी नहीं,बल्कि सीतामढ़ी, वैशाली और मुज़फ़्फ़रपुर के एक छोटे से हिस्से में बोली जाने वाली बज्जिका है। मुख्य किरदार में चन्दन राय और फ़लक ख़ान हैं। इंडिया नैरेटिव से ख़ास बातचीत के दौरान फ़िल्म के राइटर और डायरेक्टर रंजन कुमार बता रहे है कि इस फ़िल्म के बनने की कहानी, दिमाग़ में आइडिया कैसे आया ? बजट का क्या जुगाड़ था ? चुनौतियां क्या थीं और इससे कैसे पार पायी गयी ?