1 अगस्त 2019 को भारत में ट्रिपल तलाक कानून लागू हुआ। भारत सरकार द्वारा उठाए गए इस बड़े कदम के बाद मुस्लिम महिलाओं में अचानक होने वाले तलाक के मामले कम देखने को मिलने लगा। लेकिन यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ आज भी कई महिलाएं हैं जिनके साथ ये घोर अपराध हो रहा है। देश में कट्टरपंथी मुसलमानों की मानसिकता के चलते आज भी महिलाएं पीड़ित हैं। एक सोशल एक्टिविस्ट जेबा जोबारिया का कहना है कि बरेली में एक महिला के साथ ट्रिपल तालक की घटना घटी। इसके बाद अपने ही पति के साथ रहने के लिए उसे अपने ससुर से शादी करने के लिए मजबूर किया गया। ये घोर अपराध और कट्टरपंथियों के अंदर महिलाओं को लेकर जो घृणात्मक अवसाद भरा है उसे दर्शाता है। इसके साथ ही बांग्लादेश के मुफ्ती अब्दुल्ला अल मसूद का कहना है कि कुरान में कहा गया है कि एक मर्द एक से ज्यादा औरतों से शादी कर सकता है। कट्टरपंथी मुसलमानों के चक्कर में महिलाओं की जिंदगी अब भी नर्क बनी हुई है। ये अलग बात है कि यहां कुछ घटनाएं सामने आ जाती है लेकिन कुछ अंदर ही दफ्न हो जाती हैं। यहां तक कि कुछ मीडिया संस्थान भी मुस्लिम महिलाओं के ऊपर हो रहे अपराध की खबरों को दिखाना नहीं चाहते। ट्रिपल तलाक तब तक खत्म नहीं होगा जब तक हर मुस्लिम व्यक्ति इसे अपराध नहीं मान लेता।