अफगानिस्तान में इस वक्त स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग अपनी जीविका चलाने के लिए नवजात बच्चों तक को बेच दे रहे हैं। एक तरह लोग तालबिन हुकूमत की मार खा रहे हैं तो दूसरी ओर चर्मराई अर्थव्यवस्था की वजह से आई भूखमरी से। आलम यह है कि लोग अपने बच्चों तक को बेच दे रहे हैं। जो परिवार अपने बच्चों को बेच रहे हैं उनका कहना है कि, यह परिवार के बकी सदस्यों का पेट भरने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। अब एक नया मामला सामने आया है जब एक तीन साल की बच्ची को राजन की दुकान पर बेच दिया गया।
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इस तीन साल की बच्ची की मां का कहना है कि उसे मजबूर होकर अपनी बेटी को बेचना पड़ा। महिला को डर है कि इसका एक और नवजात बच्चा भी बेजा जा सकता है। एक रिपोर्ट की माने तो, सबहरेह नामक महिला के पास खाने के पैसे चुकाने के लिए अपनी बेटी को बेचना पड़ा। ब्रिटिश वेबसाइट के अनुसार महिला ने एक दुकान से राशन खरीदा था, जिसके पैसे वो नहीं दे पाई। महिला का कहना है कि उसे धमकी दी गई थी कि अगर वो पैसा नहीं देगी, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा, जिसके बाद उसने अपनी बेटी को बेचने का फैसला किया। उसकी तीन साल की बेटी की शादी राशन के दुकानदार के चार से लड़के के साथ की जाएगी। इसके साथ ही अब महिला को डर है कि कहीं उसका तीन महीने का बच्चा भी न छीन जाए।
अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद लाखों परिवार इतने गरीब हो गए कि उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। वो अपने बच्चों का बाल विवाह कर रहे हैं। यह पहला मामला नहीं है जब अफगानिस्तान में सामने आया हो। इससे पहले भी बच्चों के बेचे जाने की कई खबरें सामने आ चुकी है। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन शुरू होते ही मानवीय संकट गहरा गया है जिसकी सजा आम लोगों को मिल रही है। अब वो समय आ गया है कि अफगानिस्तान को लेकर बाकी के देश को बड़ा कदम उठाए क्योंकि, अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश के लोगों को और बुरा हाल होने लगेगा।
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भारत ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट को गहराता देख मदद करने की पहल की। हाल ही में पाकिस्तान के रास्ते भारत ने अफगानिस्तान के लिए 50,000 टन गेंहू बेजी है। वहीं, अमेरिका ने भी मदद करने वाली संस्थाओं के तरह अफगानियों की मदद के लिए कई करोड़ रुपए का ऐलान किया है लेकिन, इतना ही काफी नहीं है। दुनिया को एक छुट होकर कोई बड़ा कदम उठाना होगा। वरना आने वाले दिनों में चीन और पाकिस्तान जो चाहते हैं वही देखने को मिल सकता है। पाकिस्तान की मंसा है कि अफगान में उसके इशारों पर सबकुछ हो लेकिन चीन की तो पूरे अफगान को निगलने का इरादा है। क्योंकि, चीन की नजर यहां से नीकलने वाले अरबों रुपए के खनिजों पर है।