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अफगानिस्तान को लेकर भारत का बड़ा कदम- दुनिया से कहा अब वो समय आ गया है जब…

अफगानिस्तान को लेकर भारत का बड़ा कदम

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद से जो हालात हुए हैं वो बद से बदतर हैं। देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। भुखमरी इतनी ज्यादे बढ़ गई है कि लोग पेट पालने के लिए अपने नवजात बच्चे तक को बेच दे रहे हैं। दुनिया के बड़े देश इस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान को लेकर वेट एंड वॉच की स्ट्रेटजी अपनाए हुए हैं और भारत भी तालिबानियों के हर कदम पर नजर बनाए हुए है। भारत ने अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक मे अंतराराष्ट्रीय समुदाय और क्षेत्र देशों को एक साथ आने का अग्राह किया है, ताकि अफगानिस्तान में पक्षपातपूर्ण हितों से ऊपर उठकर अफगानिस्तान में समावेशी व्यवस्था को स्थापित किया जा सके।

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भारत ने कहा कि ये व्यवस्था अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हो। तालिबान के कब्जे के बाद जिस अंतरिम सरकार का ऐलान किया गया है, उसमें महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय की भागीदारी नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत टीएस त्रिमूर्ति ने बुधवार को अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, भारत अफगानिस्तान के लोगों को अति आवश्यक सहायता के त्वरित प्रावधान को सक्षम करने की दिशा में काम करने के लिए अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करने का इच्छुक है।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, हाल के सालों में अफगानिस्तान ने पहले ही पहुत खुन-खराबा और हिंसा देखी है। अफगानिस्तान की आधी से ज्यादे आबादी खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहा है। लोगों को आपातकालीन स्तरों पर संकट का सामना करना पड़ रहा है। अफगान के लोगों को बुनियादी खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

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इसके आगे उन्होंने कहा कि, भारत में हजारों अफगान पुरुषों और महिलाओं को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए शैक्षिक छात्रवृत्तियां देना जारी है। हमारी तात्कालिक प्राथमिकताओं में से एक फंसे हुए लोगों को निकालने के साथ-साथ उनकी मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करना है।