भारत वो देश है जो अपने दोस्तों का भी साथ देता है और समय आने पर दुश्मनों की भी मदद करता है इसलिए आज दुनिया के बड़े से बड़ा देश इंडिया से साथ जुड़ना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी मुल्क में जाते हैं तो वहां पर उनकी फैनफॉलोइंग देखते बनती है। दुनिया के बड़े से बड़े नेता खुद उनसे मिलना चाहते हैं। भारत गरीब देशों का लगातार मदद कर रहा है। श्रीलंका में इस वक्त भारी आर्थिक संकट है ऐसे में भारत लगातार तेल, खाद्य, दवाओं के साथ ही अन्य कई जरूरी सामानों को भेज कर मदद कर रहा है। श्रीलंका भी कई मौकों पर कह चुका है कि पूरी दुनिया ने उसे अकेला छोड़ दिया सिर्फ भारत मदद कर रहा है। अब इंडिया ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भी कई इस्लामिक देशों की मदद कर रहा है जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी पीएम मोदी की तारीफ की है।
भारत ने जब से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है तब से दुनिया के कई देशों में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच कुछ देशों ने गेहूं की आपूर्ति के लिए इंडिया से अनुरोध भी किया था। अब संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत से वाणिज्यिक गेहूं का निर्यात यमन के लिए आपूर्ति का एक अहम जरिया बन कर सामने आया है। संकट के समय भारत ने यमन को गेहूं देकर जो मदद की है, संयुक्त राष्ट्र ने उसकी तारीफ की है। संयुक्त राष्ट्र में मानवीय मामलों के लिए सहायक महासचिव एवं आपात राहत उप समन्वय जॉयसे सूया ने परिषद में अपने संबोधन में कहा कि भारत से गेहूं की खेप यमन के लिए आपूर्ति का अहम स्रोत बन रही है। खासतौर पर यूक्रेन में जारी युद्ध को देखते हुए यह काफी अहम था।
उन्होंने कहा कि, हम यमन और भारत सरकार के बीच भारत से गेहूं निर्यात करने को लेकर जो हालिया सकारात्मक बातचीत हुआ है, इससे भी उत्साहित हैं। यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत से वाणिज्यिक गेहूं का निर्यात यमन के लिए एक अहम आपूर्ति स्रोत के रूप से उभरा है। सूया ने अपने संबोधन में यह भी कहा है कि यूक्रेन युद्ध आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए खतरा पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि, पिछले वर्ष कुल गेहूं का आधा हिस्सा रूस और यूक्रेन से आया था।
वहीं विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने यमन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में कहा कि वैश्विक बाजारों में आपूर्ति में बदलाव को और खाद्य सुरक्षा पर उसके विपरीत प्रभाव को कम करने के लिए जरूरतमंद देशों को भारत वित्तीय सहायता और अनाज मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले तीन माह में यमन को 2,50,000 टन से अधिक गेहूं निर्यात किया है। उन्होंने परिषद में अपने संबोधन में यमन को गेहूं उपलब्ध कराने में भारत के योगदान का जिक्र करने के लिए सूया का आभार व्यक्त किया है। गुप्ता ने अरब प्रायद्वीप में अलकायदा के हमले बढ़ने पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह संगठन यमन में शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा करता है।
गौरतलब हो कि, गेहूं के निर्यात पर सरकारी प्रतिबंध लगने के बाद दुनिया के सबसे बड़े अनाज आयातकों में से एक इंडोनेशिया और बांग्लादेश सहित पांच इस्लामिक देशों ने गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत से अनुरोध किया था। भारत को इंडोनेशिया, बांग्लादेश ,ओमान , संयुक्त अरब अमीरात और यमन से गेहूं के निर्यात के लिए अनुरोध प्राप्त हुए थे।