अगर आतंकियों की लिस्ट निकाला जाए और उनके रहने के अड्डों के देखा जाए तो ये सारे पाकिस्तान में ही मिलेंगे। पाकिस्तान की आर्मी से ज्यादा तो वहां आतंकियों की हुकूमत चलती है। पाकिस्तान अपने इन आतंकियों को भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल करता है। खासकर जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की हमेशा से बुरी नजर रही है। जम्मू कश्मीर में जेहाद फैलान में सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान का रहा और उसका साथ दिया घाटी के ही कुछ लोगों ने। कई कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं जिनके तार पाकिस्तान से जुड़ी हैं। इन्ही में से एक है यासीन मिलक (Yasin Malik) जिसने पाकिस्तानी आतंकियों का साथ देकर घाटी में जमकर आतंक फैलाया। अब इस आतंकी को बचाने के लिए पाकिस्तान अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। अभी तक तो पाकिस्तान के मंत्री और प्रधानमंत्री ही बयान दे रहे थे अब तो पाकिस्तान की आर्मी भी यासीन मलिक को बचाने में लग गई है।
दरअसल, अलगाववादी नेता और टेरर फंडिंग के दोषी यासीन मलिक को दिल्ली की स्पेशल एनआईए अदालत आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है। यासीन लमिक को सजा मिलने के बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ समेत तमाम नेताओं के ट्वीट के बाद पाक आर्मी ने भी यासीन मलिक के समर्थन में ट्वीट किया है। पाक आर्मी ने यासीन मलिक पर टेरर फंडिंग के आरोपों को मनगढ़ंत बताया है।
पाकिस्तान आर्मी के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा है कि, पाकिस्तान मनगढ़ंत आरोप में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा की कड़ी निंदा करता है। इस तरह की दमनकारी रणनीति अवैध भारतीय कब्जे के खिलाफ उनके न्यायसंगत संघर्ष में कश्मीर के लोगों की भावना को कम नहीं कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कश्मीर को लेकर जो स्टैंड है। उसके साथ कश्मीरियों के भविष्य के सवाल पर हम उनके साथ खड़े हैं।
बता दें कि, दिल्ली की स्पेशल एनआईए अदालत ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले 19 मई को कोर्ट ने मलिक को दोषी ठहराया था। यासीन मलिक पर पाकिस्तान में अपने आका हाफिज सईद की मदद से जम्मू कश्मीर में टेरर फंडिंग करने का आरोप है।