Saudi Arabia and America: अमेरिका जब रूस और यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) में कूदा था तो उसे आने वाले तूफान का अंदाजा नहीं था। अमेरिका और नाटो को लगा था कि, वो रूस (Russia vs NATO) पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाकर पुतिन को तोड़ देंगे। लेकिन, सारा खेल उलटा पड़ गया। रूस ने सिर्फ एक ऐसी चाल चली कि अमेरिका इसमें बुरी तरह फंस गया। रूस ने ये चाल सऊदी अरब और ओपेक प्लस देशों के साथ मिलकर चली है। दरअसल, तेल की कीमतों व उत्पादन घटाने के ओपेक देशों के फैसले ने अमेरिका (Saudi Arabia and America) को तोड़ दिया है। रूस भी ओपेक का हिस्सा है। रूस और सऊदी अरब के बीच रिश्ते भी मजबूत होने लगे हैं और इसका असर अमरिका पर पड़ा है। हाल यह है कि, इस वक्त अमेरिका को अपना तेल भंडार खोलना पड़ा है। अमेरिका ने एलान किया है कि, वो आपात तेल भंडार से डेढ़ करोड़ बैरल तेल बेचेगा। जिसपर सऊदी अरब ने जो बाइडन को चेतावनी (Saudi Arabia and America) दी है कि ऐसा करके वो खुद के लिए परेशानी खड़ा कर रहे हैं।
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अमेरिका को खाली करना पड़ रहा आपात तेल भंडार
दरअसल, कुछ समय तक अमेरिका और सऊदी अरब के बीच दोस्ताना रिश्ते थे। अमेरिका अपने मन मुताबकि तेल खरीदता और इसकी कीमतें तय करता। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से तेल उत्पादन घटाने के फैसले ने अमेरिका और तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक प्लस के बीच तनातनी बढ़ गई है। अब सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान ने अमेरिका को सीधे चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा है कि, अमेरिका द्वारा अपने सुरक्षित तेल भंडार से तेल बेचना खतरनाक होगा। अमेरिका व सऊदी अरब के दोस्ताना रिश्ते में तेल की कीमतों व उत्पादन घटाने के ओपेक देशों के फैसले से कड़वाहट आ गई है। अमेरिका चाहता है कि सऊदी अरब और अन्य तेल उत्पादक देश तेल उत्पादन बढ़ाएं और तेल के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी न करें। लेकिन, ओपेक अमेरिका के दबाव में नहीं आया, इस कारण अमेरिका को मजबूरन अपने रिजर्व तेल भंडार से तेल बाजार में बेचने का फैसला करना पड़ा।
अमेरिकी फैसले पर नाराज हुआ सऊदी अरब
पिछले सप्ताह ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश के आपात तेल भंडार के डेढ़ करोड़ बैरल तेल बेचने का एलान किया है। अमेरिका का ये फैसला सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने राजधानी रियाद में आयोजित ‘फ्यूचर इनिशिएटिव इन्वेस्टमेंट सम्मेलन’ में अमेरिका को चेताया कि आपात तेल भंडार को खाली करना बहुत मुश्किल पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब अमेरिका के साथ साझेदारी में ज्यादा मजबूत भूमिका में है।
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अमेरिका के आरोपों पर सऊदी प्रिंस का जवाब
सऊदी अरब के तेल की कीमतों व उत्पादन घटाने के फैसले पर अमेरिका ने आरोप लगाया था कि वो रूस का साथ दे रहे हैं। ताकि, यूरोप का रूसी गैस और तेल पर निर्भरता ज्यादा बढ़ जाए। इसपर सलमान ने कहा कि अमेरिका का यह आरोप बेबुनियाद है कि रूस की मदद के लिए तेल उत्पादन में कटौती की जा रही है। कटौती का फैसला पूरी तरह से आर्थिक है। इसका मकसद विश्व बाजार में तेल की कीमतें स्थिर करना है।
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