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Ukraine के बाद अब पुतिन के टार्गेट पर ये देश- देखें कब और कैसे हमला बोलेगा रूस

यूक्रेन के बाद अब इस देश पर हमला करेगा रूस

रूस इस वक्त लगातार यूक्रेन पर गोले बरसा रहा है, इस बीच दुनिया भर के देश रूस को मनाने में लगे हुए हैं कि किसी तरह यह युद्ध रूक जाए। इसके साथ ही पश्चिमी देश मिलकर रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं लेकिन इसका रूस पर कोई असर नहीं पड़ रहा है क्योंकि, रूस ने पहले से ही यूक्रेन को सबक सिखाने की ठान ली थी। यहां तक कि उलटा रूस ने ही इन पश्चिमी देशों में कई प्रतिबंध लगा दिए हैं जिसका असर इनके मार्केटों में देकने को मिल रहा है। इस बीच अब एक और बड़ी खबर मीडिया में तूल पकड़ने लगी है कि यूक्रेन के बाद रूस एक और देश पर हमला बोलने वाला है।

दरअसल, बेलारूस के राष्ट्रपति और यूरोप के आखिरी तानाशाह माने जाने वाले अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने गलती से इस बात का खुलासा कर दिया है कि मोल्दोवा अगला देश होगा, जिस पर हमला होना है। लुकाशेंको ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के संभावित अगले कदम को उजागर कर दिया। बेलारूसी राष्ट्रपति यूक्रेन में रूस के हमले वाले रूटों पर एक टेलीविजन प्रेजेंटेशन दे रहे थे, इसी दौरान उन्होंने रूस के अगले कदम का खुलासा किया।

लुकाशेंको को यूक्रेन और मोल्दोवा को दिखाते हुए एक बड़े युद्ध मानचित्र के सामने खड़ा देखा गया। नक्शे में यूक्रेन के छोटे से पड़ोसी देश पर ऑपरेशन को अंजाम देने के बारे में जानकारी देखी गई। बेलारूस के राष्ट्रपति और पुतिन के करीबी संबंध रहे हैं। यही वजह है कि बेलारूस ने रूस की सेना को अपनी जमीन के रास्ते यूक्रेन पर हमला करने की इजाजत दी। इसके अलावा, अब यूक्रेन पर बेलारूस के सैनिकों ने भी हमला बोल दिया है। हालांकि, बेलारूस ने ऐसा करने से इनकार किया है। वहीं, बेलारूस ने एक मतदान के बाद रूस के परमाणु हथियारों और सैनिकों की अपने यहां तैनाती को भी इजाजत दी है।

वहीं, रूस ने यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूसी परमाणु पनडुब्बियों ने मंगलवार को बेरेंट सागर में उतरकर अभ्यास की शुरुआत की। इसके अलावा, बर्फ से ढके साइबेरियाई क्षेत्र में मोबाइल मिसाइल लॉन्चर की भी चहलकदमी देखने को मिली। यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों से तनाव बढ़ने को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने देश के परमाणु बलों को हाई-अलर्ट पर रहने के आदेश देने के बाद ये अभ्यास किए जा रहे हैं। रूस के उत्तरी बेड़े ने एक बयान में कहा कि उसकी कई परमाणु पनडुब्बियां अभ्यास में शामिल रहीं, जिसका मकसद इन्हें विपरीत परिस्थितियों में सैन्य साजोसामान को लाने-जाने के लिए प्रशिक्षित करना है।