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America से दोस्ती करने चले पाकिस्तान को दिखाई औकात! रखा ‘खास चिंता वाले देश’ की श्रेणी में

अमेरिका ने पाकिस्तान को रखा खास चिंता वाले देश' की श्रेणी में रखा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार गिरने के पीछे कहा जाता है कि, अमेरिका का हाथ रहा है। इस बात का खुलासा खुद इमरान खान ने किया था। उन्होंने गुप्त चिट्ठी के बारे में खुलासा करते हुए पहले तो अमेरिका का नाम लिए बिना ही कहा कि, विदेश में कुछ बड़े देश उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं और बाद में वो खुलेआम अमेरिका के उस अधिकारी का नाम लेने लगे जो जिन्होंने चिट्ठी लिख कहा था इमरान खान को कुर्सी से हटा दो तो अमेरिका पाकिस्तान के सारे गुनाहों को माफ कर देगा। इमरान खान के इस्तीफे के बाद शाहबाज शरीफ नए प्रधानमंत्री बने और अमेरिका की जमकर तारीफ की। लेकिन, अब अमेरिका ने एक बार फिर से पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाते हुए खास चिंता वाले देश की श्रेणी में रखा है।

दरअसल, अमेरिका ने अपनी वार्षिक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट के हिस्से के रूप में पाकिस्तान को 'विशेष चिंता वाले देश' की श्रेणी में रखा है। रिपोर्ट ने दुनियाभर के लगभग 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति की समीक्षा की। 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति की समीक्षा के बाद अमेरिका ने यह फैसला किया है। मीडिया में आई खबरों की माने तो, 2000 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में अनुभाग ने पाकिस्तान के बारे में धार्मिक हिंसा, धार्मिक भेदभाव और उत्पीड़न, कानून लागू करने वालों और न्यायपालिका के बुनियादी साक्ष्य मानकों का पालन करने में विफलता की ओर इशारा किया। विशेष रूप से ईशनिंदा के मामलों में।

इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि, 15 नवंबर 2021 को राज्य के सचिव के विशेष रूप से गंभीर उल्लंघनों में लिप्त होने या सहन करने के लिए 1998 के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत पाकिस्तान को 'विशेष चिंता का देश' (सीपीसी) के रूप में फिर से नामित किया गया। धार्मिक स्वतंत्रता और अमेरिका के राष्ट्रीय हितों में पदनाम के साथ लगे प्रतिबंधों में छूट की घोषणा की। पाकिस्तान को पहली बार 2018 में सीपीसी के रूप में नामित किया गया था।