चीन के द्वारा अरुणाचल के नाम बदलने पर अमेरिका (America) आग बबूला हो गया है। अमेरिका (America) ने चीन की इस हरकत की कड़े शब्दों में आलोचना करी है। अमेरिका (America) ने कहा कि वह चीन के इस क़दम का बलकल साफ़ तोर पर विरोध करता है। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका भारतीय क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश पर दावा करने के चीन के प्रयासों का “दृढ़ता से विरोध” करता है। यह हम पर और भारतीय क्षेत्र पर चीनी दावे का एक और प्रयास है। इसलिए, जैसा कि आप जानते हैं अमेरिका ने लंबे समय से उस क्षेत्र को मान्यता दी है और हम इन इलाकों का नाम बदलकर क्षेत्र के दावे को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।अमेरिका ने यह बयान चीन कि तरफ से अरुणाचल के 11 स्थानों के नाम बदले जाने के बाद आया है, जिसे वह तिब्बत के दक्षिणी भाग जंगनान के रूप में संदर्भित करता है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कैबिनेट द्वारा अरुणाचल प्रदेश में इन 11 स्थानों के नाम चीनी अक्षरों, तिब्बती और पिनयिन भाषाओं में लिखे गए हैं।
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविच्छेद्य अंग है और हमेशा रहेगा:अरिंदम बागची
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस हरकत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की चीन की कोशिश को भारत (India) ने सिरे से खारिज कर दिया है। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम बदलने के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा, हमने ऐसी रिपोर्ट देखी हैं। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। उन्होंने आगे कहा, अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविच्छेद्य अंग है और हमेशा रहेगा। मनगढ़ंत नामों को बताने का प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा।
यह भी पढ़ें: China के इशारो पर क्यों नाच रहा है Saudi Arab? क्यों दुश्मन ईरान को बनाया दोस्त?जाने इनसाइड स्टोरी
इस बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत-अमेरिका संबंधों और राजदूत एरिक गार्सेटी के बारे में बात करते हुए पियरे ने कहा, यह कुछ ऐसा है जो मैंने यहां से कहा है समझा जाए कि राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है। उन्होंने कहा कि जब हम भारत के साथ संबंधों को देखते हैं, तो यह दुनिया में अमेरिका के सबसे अधिक परिणामी संबंधों में से एक है जो अभी भी कायम है।