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America का ये धांसू टैंक रूस-चीन को पलभर में चटा देगा धूल,जानिए इससे जुडी खास बातें

AbramsX को इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल के साथ लैस किया गया

जहां एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में अमेरिका ने अपने ऐसे खतरनाक हथियारों की झलक दुनिया को दी है, जो काफी खतरनाक करार दिए जा रहे हैं। दरअसल, अमेरिका ने नए AbramsX युद्धक टैंक और मोबाइल प्रोटेक्टेड फायरपावर (MPF) लाइट टैंक का अनावरण किया है। कहा तो वैसे यह भी जा रहा है कि अमेरिका ने ये टैंक्‍स एशिया में चीन और यूरोप में रूस को रौंदने के लिए तैयार किए हैं। अब्राम एक्‍स को जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स (GDLS) ने तैयार किया है। इस टैंक को M1 अब्राम टैंक का मॉर्डन अवतार माना जा रहा है। अब्राम टैंक्‍स सन् 1980 के दशक से ही यूएस आर्मी में सेवा दे रहे हैं।

क्‍या-क्या है अब्राम की खासियत

इस टैंक को कई तरह के इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल (Electro-optics) के साथ लैस किया गया है। इसके अलावा इसमें रिमोट वेपन स्‍टेशन के साथ 30 मिमी की चेन गन भी दी गई है। 120 मिमी की स्मूथबोर गन इसका सबसे बड़ा हथियार है। यह वह हथियार है जो आने वाले समय में कॉम्‍बेट सिस्‍टम व्‍हीकल का सफर तय करेगा। मिलिट्री सूत्रों की मानें तो अब्राम एक्‍स में एक मानवरहित टरट है यानी वह हिस्‍सा जहां बंदूक होती है और जो क्रू की रक्षा कर सकता है। इसके अलावा एक ऑटोलोडर है जिसकी वजह से क्रू की संख्‍या चार की जगह तीन कर देती है। इसकी वजह से यह काफी समय तक काम कर सकता है। इन कई वजहों से टैंक का वजन भी काफी कम हो जाता है।

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टैंक का निर्माण क्‍यों हुआ

जीडीएलएस की तरफ से जो तस्‍वीरें आई हैं, उनसे साफ हो जाता है कि काउंटरमेजर ग्रेनेड, एक्टिव प्रोटेक्‍शन सिस्‍टम और डिस्‍ट्रीब्‍यूटेटेड अपरचर कैमरा सिस्‍टम भी टैंक में दिया गया है। कंपनी की तरफ से अमेरिकी सेना के लिए एमपीएफ सिस्‍टम का निर्माण भी होगा। यह वियतनाम युद्ध के समय का वह टैंक है जिसे एयरक्राफ्ट से युद्धक्षेत्र के बीच में ड्रॉप किया जा सकता है। अमेरिका ने वियतनाम युद्ध के बाद से अपने पहले लाइट टैंक का उत्पादन शुरू कर दिया था ताकि उसकी पैदल सेना को सुरक्षा मिल सके।

टैंक की कमी झेलता यूक्रेन

मिलिट्री वॉच की मानें तो यूक्रेन में टी -14 की मौजूदगी अनुमान से कहीं ज्‍यादा हो सकती है। यूक्रेन के पास अच्‍छे टैंक्‍स नहीं हैं और रूस के पुराने पड़े चुके T-72B3s टैंक्‍स भी यूक्रन पर भारी पड़ रहे हैं। ऐसे में T-14 युद्ध के मैदान पर बहुत ही शक्तिशाली हो जाता है।