केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से दुनिया में बारत का स्तर बढ़ गया है। दुनिया के ताकतवर देशों में भारत का भी नाम शामिल हो चुका है। हर एक क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है यही वजह है कि दुनिया इंडिया के साथ जुड़ना चाहती है। चाहे वो अमेरिका हो, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेना या फिर कोई अन्य बड़ा देश हो हर कोई पीएम मोदी के साथ जुड़ना चाहता है। भारत अपने दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देना जानता है तो साथ ही अपने दोस्तों का मुसिबत में भी हाथ नहीं छोड़ता। हाल ही में भारत ने एक ऐसा कदम उठाया कि पूरी दुनिया इससे सक्ते में आ गई। सुपर पावर अमेरिका को भी गहरा सदमा पहुंचा है। इंडिया के इस फैसले पर अमेरिका ने कहा है कि, इस पर फिर से विचार करना चाहिए नहीं तो दुनिया भूख से मर जाएगी।
गेंहू निर्यात बैन के फैसले पर अमेरिका को लगा बड़ा सदमा
दरअसल, यूक्रेन और रूस जंग के बीच दुनिया में कई चीजों की कमी तेजी से बढ़ है। महंगाई की मार दुनियाभर की जनता झेल रही है। इसके साथ ही दुनिया में गेहूं की भी समस्या देखने को मिल रही है। भारत ने हाल ही में बड़ा फैसला लेते हुए गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था जिसके चलते पूरी दुनिया में गेहूं की कीमतें आसमान छूने लगीं। अमेरिका भी इंडिया के इस कदम से परेशान है। अब अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि, भारत गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा। अमेरिका ने कहा है कि जिन देशों ने गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया है वह उन देशों से अनुरोध करेगा कि ऐसा न करें। यूक्रेन पर रूसी अटैक के बाद से पूरी दुनिया में भोजन की कमी देखी जा रही है क्योंकि इससे गेहूं के निर्यात को लेकर सप्लाई चेन बाधित हुई है।
इस वजह से भारत ने गेहूं निर्यात किया बैन
बता दें कि, इंडिया पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश हैं। लेकिन, इस भार भीषण गर्मी पड़ रही है इसके साथ ही लू भी चल रहा है जिसके चलते गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की चिंताओं के बीच भारत ने अपने प्रमुख खाद्यान्न की कीमतों में आई भारी तेजी पर अंकुश लगाने के मकसद से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस निर्णय से गेहूं और गेहूं के आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, जो पिछले एक साल में औसतन 14-20 प्रतिशत बढ़ी है, इसके अलावा पड़ोसी और कमजोर देशों की खाद्यान्न आवश्यकता को भी पूरा करने में मदद मिलेगी।
क्या कहा अमेरिका?
एक वर्चुअल न्यूयॉर्क फॉरेन प्रेस सेंटर ब्रीफिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि- हमने भारत के फैसले की रिपोर्ट देखी है। हम देशों को निर्यात को प्रतिबंधित नहीं करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं क्योंकि हमें लगता है कि निर्यात पर कोई भी प्रतिबंध भोजन की कमी को बढ़ा देगा। उन्होंने कहा कि लोग भुखमरी की कगार पर खड़ें हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इंडिया सुरक्षा परिषद में हमारी बैठक में भाग लेने वाले देशों में से एक होगा, और हमें उम्मीद है कि वे अन्य देशों द्वारा उठाई जा रही चिंताओं को सुनेंगे और हम उम्मीद करते हैं कि फिर वे उस स्थिति पर पुनर्विचार करेंगे।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, यूक्रेन विकासशील दुनिया के लिए एक रोटी की टोकरी हुआ करता था, लेकिन जब से रूस ने महत्वपूर्ण बंदरगाहों को ब्लॉक करना शुरू किया और नागरिक बुनियादी ढांचे और अनाज सिलोस को नष्ट करना शुरू कर दिया, तब से अफ्रीका और मध्य पूर्व में भूख की स्थिति और भी विकट हो गई है। यह पूरी दुनिया के लिए एक संकट है, और इसलिए यह संयुक्त राष्ट्र का मुद्दा है। हमारी उन लाखों लोगों के प्रति जिम्मेदारी है जो इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें अपना अगला भोजन कहां मिलेगा या वे अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे।