अंतर्राष्ट्रीय

America से फिर पंगा ले रहे Imran Khan, बोले- उसने हमें किराये की बंदूक की तरह यूज किया

Imran Khan on America: कहा जाता है कि, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्ता से बदखली के पीछे अमेरिका (Imran Khan on America) का हाथ था। इरमान खान अलग रास्ते पर निकल चुके थे, खासकर जब वो रूस गये तो अमेरिका भन्ना उठा। इसके साथ ही उनके ऐसे कई कदम थे जो अमेरिका को चुभ रहे थे। अंत में अमेरिका ने उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। ये हम नहीं बल्कि इमरान खान ही आरोप लगा चुके हैं कि, अमेरिका ने ही उन्हें सत्ता से बेदखल किया है। सत्ता से बेदखली का दर्द इमरान खान अब तक भुल नहीं पाये हैं। अब उन्होंने एक बार फिर से अमेरिका (Imran Khan on America) पर निशाना साधते हुए कहा है कि, उसने पाकिस्तान को करिये की बंदूक की तरह इस्तेमाल किया है। इसके साथ ही वो भारत का नाम लेना नहीं भूले। इमरान खान ने कहा कि, भारत के साथ अमेरिका के संबंध अच्छे हैं जबकि पाकिस्तान के साथ यूएस बेहद अशोभनीय संबंध रखता है।

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भारत जैसा अमेरिका के साथ पाकिस्तान का संबंध नहीं
इमरान खान ने इसी साल अप्रैल में अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया था। अमेरिकी पब्लिक ब्रॉडकास्टर सर्विस की ओर से हाल की उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर कि यूएस पाकिस्तान को गुलाम की तरह मानता है, खान ने कहा, मेरा मानना है जो एक तथ्य भी है कि पाकिस्तान-अमेरिका के संबंध असंतुलित हो गए हैं। इसके आगे इमरान खान ने कहा कि यहां अमेरिका और भारत जैसे संबंध नहीं है, जिसे मैं एक बहुत की सभ्य संबंध, एक सम्मानित संबंध मानता हूं। पाकिस्तान को लेकर मैं अच्छे तरीके से जानता हूं कि आंतक के खिलाफ लड़ाई में हम एक किराए की बंदूक की तरह थे। मुझे लगता है कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच यह एक बहुत ही अशोभनीय रिश्ता है।

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लोकतंत्र आलोचना को स्वीकार करता है, गुलामी नहीं
खान से सवाल किया गया कि, क्या संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उनके संबंध अच्छे हो सकते हैं, इसपर उन्होंने कहा कि, संयुक्त राज्य अमेरिका एक लोकतंत्र है। लोकतंत्र आलोचना को स्वीकार करता है। लोकतंत्र अन्य लोगों के दृष्टिकोण को स्वीकार करता है। गुलामी नहीं करते हैं। इसके साथ ही खान ने ये भी कहा कि, अमेरिका के साथ पाकिस्तान के लिए संबंध हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि सिर्फ सत्ता परिवर्तन को लेकर मुझे अमेरिका के साथ भविष्य में संबंध नहीं रखने चाहिए। मुझे आलोचना करने का अधिकार है। इमरान खान ने बार-बार यह दावा किया है कि अमेरिकी विदेश विभाग के टॉप अधिकारी डोनाल्ड लू उनकी सरकार को गिराने के लिए एक ‘विदेशी साजिश’ का हिस्सा थे।

आईएन ब्यूरो

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