श्रीलंका को अपनी कर्ज में जाल में चीन ने ऐसे फंसाया की आज मुल्क पूरी तरह से तबाह हो चुका है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। श्रीलंका की इस वक्त सबसे ज्यादा कोई मदद कर रहा है तो वो है भारत। श्रीलंका के अलावा कई और देश हैं जिनकी हालत खस्ता होते नजर आ रही है और सबसे बड़ी बात यह कि हाल की सालों में इन देशों में चीन ने तेजी से विस्तार किया है। ऐसे में जिन-जिन देशों को चीन ने लालच दिया है वो-वो देश उसकी कर्ज जाल में फंसते जा रहे हैं। एक और बड़ी बात यह की भारत लगातार इस देश की मदद करता रहा है और चीन से दोस्ती पर भी उसकी साजिशों के बारे में बता चुका है।
दरअसल, यह कोई और नहीं बल्कि, भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश है। जहां पर महांगई अपने चरम पर पहुंच गई है। इसका सबसे ज्यादा असर मध्य वर्ग के लोगों को पर पड़ रहा है। इस तबके की मुश्किल यह भी है कि इसे आम तौर पर सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में जरूरी चीजों और सेवाओं के दाम बढ़ने से उसका बजट बिगड़ता जा रहा है। बांग्लादेश में बीते जनवरी में मुद्रास्फीति दर 5.6 फीसदी थी। फरवरी में यह 6.17 प्रतिशत हो गई। मार्च के आंकड़े अभी नहीं आए हैं। लेकिन रोजमर्रा के तजुर्बे के आधार पर विशेषज्ञों का अनुमान है कि पिछले महीने महंगाई और बढ़ी।
महंगाई बढ़ने के कारण हर व्यक्ति की क्रय शक्ति घटी है। एक प्राइवेट बैंक में सीनियर ऑफिसर मोहम्मद अब्दुल हई ने अखबार डेली स्टार से कहा- मेरी तनख्वाह साठ हजार रुपये महीना है। इससे मेरे लिए अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। बच्चों की अच्छी शिक्षा देना कठिन होता जा रहा है। इसीलिए महंगाई की खबरें पढ़ते समय में नवर्स हो जाता हूं। वहीं, थिंक टैंक पॉवर एंड पार्टिसिपेशन रिसर्च सेंटर के कार्यकारी अध्यक्ष हुसैन जिल्लुर रहमान ने डेली स्टार से कहा- मुद्रास्फीति बढ़ने का गरीब परिवारों पर वास्तविक असर उससे कहीं ज्यादा है, जितना सरकारी आंकड़ों में नजर आता है। अब इसकी मार मध्य वर्ग पर भी पड़ने लगी है, क्योंकि उसकी आमदनी भी नहीं बढ़ी है।