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पाकिस्तानियों की वजह से Britain का बर्मिंघम शहर हुआ दिवालिया! क्या है ब्रिटेन में ‘मिनी पाकिस्तान’ का सच।

पाकिस्तानियों की वजह से दिवालिया हुआ Britain का बर्मिंघम शहर

Britain के सबसे बड़े शहरों में से बर्मिंघम हमारे पड़ोसी मुल्क के प्रवासियों के कारण दिवालिया हो चुका है। ख़बर सामने आते ही दुनिया भर के लोग हैरान और परेशान हैं। इंग्लैंड का ये शहर वही शहर है जहां भारतीय और पाकिस्तान के नागरिकों की बहुसंख्यक आबादी है। बर्मिंघम शहर के दिवालिया होने के पीछे हमारे पड़ोसी मुल्क जो आतंक और आतंकवाद की बुनियाद पर चलते हुए अपने आप को बर्बाद करने के राह पर आमादा है,आज उसी पाकिस्तान के नागरिकों ने इंग्लैंड के सबसे बड़े शहर को दिवालिया बना दिया है।

पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई जिसने पूरी दुनिया को चौंका कर रख दिया। इस रिपोर्ट मुताबिक Britain के सबसे बड़े शहरों में शुमार बर्मिंघम दिवालिया हो चुका है। यहां के सिटी काउंसिलर जॉन कॉटन की मानें तो शहर के सामने चुनौतियां काफी ज्‍यादा हैं। वहीं अब सिटी काउंसिल का एक वीडियो लोग शेयर कर रहे हैं जिसमें बताया गया है कि कैसे पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश से आने वाले लोगों ने यहां पर बेरोजगारी में बढ़ावा दिया है।

Britain  का सबसे बड़े शहरों में शुमार बर्मिंघम, वह शहर है जहां पर पाकिस्‍तानियों की आबादी सबसे ज्‍यादा है। इस वीडियो के बाद अब कुछ लोग बर्मिंघम की स्थिति के लिए पाकिस्‍तान के नागारिकों को दोष देने लगे हैं।

बर्मिंघम में पाकिस्‍तानियों की आबादी

साल 2021 के आंकड़ों के मुताबिक बर्मिंघम में कुल 355384 एशियाई हैं। इनमें से 66519 भारतीय और 195102 पाकिस्‍तानी हैं। वहीं बांग्‍लादेश के नागरिकों की संख्‍या 48232 है। सिटी काउंसिल के जिस वीडियो को शेयर किया जा रहा है उसमें बताया गया है कि शहर की 65 फीसदी आबादी की आर्थिक रूप से सक्रिय है। यह आबादी 16 से 74 साल की उम्र वाली है। जो क्लिप शेयर की जा रही है वह हालांकि साल 2011 के वीडियो की है लेकिन लोग इसके आधार पर पाकिस्‍तान को इस संकट के लिए दोष दे रहे हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश से आने वाले लोगों के पास शैक्षिक योग्‍यता जीरो होती है। 47005 लोग ऐसे हैं जो बिल्‍कुल अंग्रेजी नहीं बोल पाते हैं। नवंबर 2018 में आई ब्रिज इंस्‍टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया था कि यूके में बसे पाकिस्‍तानी समुदाय में गरीबी दर 37 फीसदी है। जबकि श्‍वेतों में 13 फीसदी दर्ज कर गई है। वहीं घरेलू पाकिस्तानी परिवारों की आय श्‍वेत परिवारों की तुलना में 8700 पौंड कम है।

यूके में सबसे बड़ा समुदाय

यूके, यूरोप में सबसे बड़े पाकिस्तानी समुदाय का घर है। साल 2021 की जनगणना के आधार पर ब्रिटिश पाकिस्तानियों की आबादी 1.5 मिलियन से ज्‍यादा है। ब्रिटिश पाकिस्तानी यूके में दूसरी सबसे बड़ी जातीय अल्पसंख्यक आबादी भी हैं। जो पाकिस्‍तानी यूके में रहते हैं उनमें से अधिकांश पीओके और पाकिस्‍तान के पंजाब से आते हैं। जबकि कुछ सिंध, खैबर पख्तूनख्वा, गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान सहित बाकी हिस्‍सों से आकर यहां पर बसते हैं।

दिवालिया होने की वजह

Britain के बर्मिंघम शहर में जो वित्‍तीय संकट है, वह हालांकि एक दशक पुराना है। अप्रैल 2010 में यहां पर 5000 काउंसिल कर्मचारियों जिनमें ज्‍यादातर महिलाएं थीं, उन्‍होंने रोजगार न्यायाधिकरण में समान वेतन के लिए अपना मामला जीता था। तब से सिटी काउंसिल ने समान वेतन दावों में करीब 1.1 अरब पाउंड का भुगतान किया है। अभी उसका बिल 760 मिलियन पाउंड है और यह हर महीने 14 मिलियन पाउंड तक बढ़ रहा है।

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