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Bangladesh Inflation: दिखने लगा श्रीलंका जैसा नजारा-गहराया आर्थिक संकट

Bangladesh Inflation: जिस भी देश में चीन ने कदम रखा उसे वो बरबाद करके ही छोड़ा। ड्रैगन की BRI कर्ज नीति के चलते कई छोटे देश बुरी तरह फंस चुके हैं। आलम यह है कि इन छोटे देशों की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है। श्रीलंका में तो आजादी के बाद पहली बार इतिहास में इतनी भारी आर्थिक तबाही आई। चाहे श्रीलंका हो या फिर पाकिस्तान या फिर क्यों न बांग्लादेश (Bangladesh Crisis) सारों को चीन ने अपने कर्ज जाल में फंसा दिया है। चीन की मंसा थी कि इन्हें कर्ज न चूका पाने पर वो इनके बंदरगाहों पर कब्जा कर लेगा। श्रीलंका में हुआ भी यही। अब बांग्लादेश (Bangladesh Inflation) में स्थिति लगातार बुरी बनती जा रही है। इस वक्त आलम यह है कि बांग्लादेश में महंगाई (Bangladesh Inflation) अपने चरम पर है। यहां पर भी कुछ-कुछ श्रीलंका जैसे नजारा देखने को मिलने लगा है।

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सड़कों पर उतरे लोग
बड़ी महंगाई और जरूरी चीजों के अभाव के खिलाफ लोग अब गुस्से में सड़कों पर उतरने लगे हैं। देश के वामपंथी संगठनों ने आम हड़ताल आयोजित की। लेफ्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एलडीए) के आह्वान पर हुई इस हड़ताल के दौरान जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। एलडीए से जुड़े कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार लिया गया। श्रीलंका के भी शुरूआती दिनों में ऐसी ही हालात देखने को मिले थे। पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में आर्थिक संकट गहरा गया है। ईंधन की महंगाई को देखते हुए सरकार ने बिजली का उपभोग घटाने के कई उपाय घोषित किए हैं। इसके तहत अब स्कूलों को हर हफ्ते एक दिन अतिरिक्त बंद रखने का फैसला किया गया है। बांग्लादेश में शुक्रवार को स्कूलों छुट्टी रहती है। अब वे शनिवार को भी बंद रहेंगे। सरकारी दफ्तरों और बैंकों में कामकाजी घंटे घटा दिए हैं। ये तमाम उपाय बुधवार से लागू हो गए। गुरुवार को इसके खिलाफ जन विरोध का नजारा देखने को मिला।

बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ गिरावट आ रही है। जिसके चलते शेख हसीना वाजेद सरकार को कमखर्ची लागू करने के ये उपाय अपनाने पड़ रहे हैं। पिछले महीने बांग्लादेश के कच्चे तेल के आयात बिल में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। ये देश की इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था जब तेल की कीमतों में इतनी ज्यादी वृद्धी की गई हो। अब सरकार रूस से सस्ता तेल खरीदने के लिए संभावनाए तलाश रही है।

बांग्लादेश में महंगाई की दर भी काफी ऊंची हो गई है। इस कारण हाल के हफ्तों में पहले भी कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं।
– अनाज की महंगाई पर काबू पाने के लिए हसीना सरकार ने रूस, वियतनाम और भारत से अनाज आयात करने का समझौता किया है।
– इसते तहत 83 लाख लाख टन गेहूं और चावल का आयात किया जाएगा।
– देश में अनाज की महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही विदेशी मुद्रा का संकट और गहराने की आशंका है।

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ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट
– इस रिपोर्ट में बांग्लादेश में बन रही हालात की तुलना पिछले साल की श्रीलंका की स्थिति से किया गया है।
– रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश ने कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में लग रहे आर्थिक झटकों से अपने को बचा रखा था।
– लेकिन अब हालत बदल रही है। इसे देखते हुए शेख हसीना सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 4.5 बिलियन डॉलर का कर्ज मांगा है।
– बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी हुई है। खास कर वह अपने वस्त्र निर्यात पर निर्भर है।
– लेकिन ये सेक्टर दुनिया में दूसरी जगहों पर पैदा हुई स्थितियों के कारण संकट में फंस गया है।

आईएन ब्यूरो

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