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Muslims in Pakistan: पाकिस्तान में इन्हें मुसलमान तक कहने का हक नहीं

Pakistan ahmadiyya muslim community

पाकिस्तान में शायद ही कोई ऐसा महीना जाता है जिसमें किसी हिंदू मंदिर या फिर किसी हिंदू के साथ शोषण का मामला न आया हो। महीना छोड़ें कोई हफ्ता ऐसा नहीं होता जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय की किसी लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जाता है। पाकिस्तान हिंदू ईसाई, सिख और यहां तक अहमदिया मुसलमानों (Muslims in Pakistan) को आए दिन प्रताड़ित करता रहता है। लेकिन, इन पर बात आती है तो वो गूंगा बन जाता है। मुसलमानों का ठेकेदार बना पाकिस्तान अब खुद मुस्लिमों के लिए खतरा बनता जा रहा है। हाल ही में एक पाकिस्तानी मौलवी का वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा कि, इस्लाम को किसी अन्य धर्म से नहीं बल्कि खुद मसलमानों से ही खतरा है। अब इसी पाकिस्तान का एक घिनौना सच सामने आया है। इस्लाम का ठेकेदार बना पाकिस्तान करोड़ों मुस्लिमों (Muslims in Pakistan) के खिलाफ नफरत फैला रहा है। पाकिस्तान में रह रहे एक मुस्लिम समुदाय (Muslims in Pakistan) को खुद को मुसलमान कहने का हक नहीं है।

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अहमदिया मुसलमानों को पाकिस्तान में खुद को मसलमान करने पर रोक है। पाकिस्तान में इनके प्रती नफरत कितनी है इसका अंदाजा इसी से लगा लें कि, कब्र के ऊपर लगे पत्थर पर इस्लामी प्रतीकों का इस्तेमाल करने को लेकर पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुसलमानों ने अहमदिया समुदाय की 16 कब्रों से कथित तौर पर बेअदबी की है। ये वही पाकिस्तान है जिसने 1947 में अहमदी समुदाय को गैर मुस्लिम घोषित कर दिया था। एक दशक बाद समुदाय पर खुद को मुस्लिम कहने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। उन पर उपदेश देने और हज व उमरा के लिए सऊदी अरब जाने पर भी रोक है। पाकिस्तान की 22 करोड़ की आबादी में से करीब एक करोड़ लोग गैर मुस्लिम हैं।

जमात अहमदिया पंजाब के प्रवक्ता आमिर महमूद ने बुधवार को बताया कि फैसलाबाद जिले के चक 203 आरबी मानावाला में एक कब्रिस्तान में कुछ अज्ञात लोगों ने अहमदी समुदाय की 16 कब्रों से को नापाक किया। घटनास्थल प्रांत की राजधानी लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर है। समुदाय के क्रबिस्तान की कई कब्रों पर लगे पत्थरों पर आयतें लिखी थीं। महमूद ने कहा कि यह कब्रिस्तान 75 साल पुराना है और इससे पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र के मुस्लिम मौलवी अहमदिया समुदाय के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं और इसी वजह से कट्टरपंथियों ने समुदाय की कब्रों से बेअदबी की है।

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आमिर महमूद ने कहा कि, इस कृत्य से शोक संतप्त परिवार काफी दुखी हैं और उन्हें सरकार से ही इंसाफ की आस है। यह कृत्य न सिर्फ गैर कानूनी है, बल्कि साफतौर से सभी मानवीय मूल्यों के खिलाफ भी है। पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में पूर्व में भी अहमदिया समुदाय के सदस्यों की कब्रों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया गया है। महमूद के मुताबिक, सिर्फ इस साल ही 185 कब्रों से बेअदबी की जा चुकी है। उन्होंने कहा, लगातार उत्पीड़न अहमदी समुदाय के अधिकारों की पूर्ण अवहेलना को दिखाता है और अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की गहरी भावना पैदा करता है।