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पूरी ताकत के साथ आ रहा है Russia, Ukraine को अब और नहीं बचा पाएंगे US-NATO

अमेरिका और नाटो की गलतफहमी के बीच फंसा है यूक्रेन

रूस और यूक्रेन की लड़ाई अब बढ़ती जा रही है। रूस लगातार यूक्रेन के शहरों पर भारी बमबारी कर यूक्रेन सरकार को घूटनों पर गिरने के लिए मजबूर कर दिया है। लेकिन, इसके बाद भी यूक्रेनी राष्ट्रपति अपने आन-बान और पश्चिमी देशों के उकसावे के चलते हार मानने के लिए तैयार नहीं है। दुनिया की मीडिया इस वक्त एक तरफा न्यूज दिखा रही है। रूस के मीडिया चैनलों पर रोक लगा दिया गया है। जिस यूक्रेन को पश्चिमी देश बचाने पर लगे हुए हैं 2014 से वही यूक्रेन लगातार डोनबास में मासूमों की जान ले रहा था। यह खबर किसी मीडिया ने नहीं दिखाई कि 2014 से लगातार यूक्रेन किस तरह डोनबास के लोगों का जिना हराम कर रखा था, किस तरह से रूस के नाक में दम कर रखा था। विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन को अपने संग मिलाकर अमेरिका और नाटो देश रूस को काबू करने की चाल चल रहे थे। यहां तक ईरान चीन समेत कई देश तो नाटो और अमेरिका पर युद्ध भड़काने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस जंग में सिर्फ यूक्रेन का सामना नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही वो अमेरिका, नाटो, यूरोपीय यूनियन संग पूरे पश्चिमी देशों का सामना कर रहे हैं।

कहने को तो यह लड़ाई रूस और यूक्रेन के बीच है लेकिन असल में देखा जाए तो अमेरिका और नाटो ने यूक्रोन को अपना मोहरा बनया है। असल में यह लड़ाई अमेरिका, नाटो बनाम रूस है। तमाम कड़े प्रतिबंधों के लगाए जाने के बाद भी रूस अमने दृढ़ संकल्पों को लिए आगे बढ़ रहा है। इस बीच अब रूस ने परमाणु पनडुब्बियों और मिसाइलों के साथ अभ्यास शुरू कर दिया है। जिसके बाद अमेरिका संग पश्चिमी देशों में खौफ का माहौल छा गया है। हालांकि, यहां भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भड़काने से बाज नहीं आए। रूस के इस फैसले को उन्होंने कहा कि वो सिर्फ धमकाने के लिए ऐसा कर रहा है। लेकिन, कहीं ऐसा न हो कि रूस परमाणु हमला कर दे और दुनिया देखती रह जाएगी। ऐसे में यूक्रेन के लिए जरूरी यह हो गया है कि वह रूस की बातों को मान लें और अमेरिका संग नाटो देशों से रिश्ता तोड़ दे। हालांकि, अमेरिका और नाटो देशों से रिश्ता तोड़ना युक्रेन के लिए हार मानने से ज्यादा बड़ा फैसला होगा और वो ऐसा कभी नहीं करना चाहेगा। यहां तक कि पूरी दुनिया को यह भी पता है कि रूस के आगे यूक्रेन कहीं नहीं टिकता लेकिन फिर भी यूक्रेनी सेना अपनी बहादुरी दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

अब परमाणु पनडुब्बियों और मिसाइलों के अभ्यास की बात करें तो। रूसी परमाणु पनडुब्बियों ने मंगलवार को बेरेंट सागर में उतरकर अभ्यास की शुरुआत कर दी है। इस अभ्यास के दौरान बर्फ से ढंके साइबेरियाई क्षेत्र में मोबाइल मिसाइल लॉन्चर की भी चहलकदमी दिखी। यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों से तनाव बढ़ने को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने देश के परमाणु बलों को हाई-अलर्ट पर रहने के आदेश देने के बाद ये अभ्यास किए जा रहे हैं।  रूस के उत्तरी बेड़े ने एक बयान में कहा कि उसकी कई परमाणु पनडुब्बियां अभ्यास में शामिल रहीं, जिसका मकसद इन्हें विपरीत परिस्थितियों में सैन्य साजोसामान को लाने-जाने के लिए प्रशिक्षित करना है।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रणनीतिक मिसाइल बलों की इकाई ने पूर्वी साइबेरिया के इरकुत्स्क प्रांत के जंगलों में अंतरमहाद्वीपीय विध्वंसक मिसाइल लांचर तैनात किए हैं। हालांकि रूसी सेना की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई कि ये अभ्यास रविवार को पुतिन द्वारा यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर परमाणु बलों को अलर्ट पर रखने से संबंधित हैं या नहीं।