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यूक्रेन पर हमले का पुतिन को फायदा, ट्रांसनिस्त्रिया ने रूस में वापस शामिल हो जाने का किया ऐलान

रूस में वापस शामिल होगा ट्रांसनिस्त्रिया

यूक्रेन पर इस वक्त रूस जमकर हमले कर रहा है, एक के बाद एक शहरों पर अपना कब्जा जमाते जा रहा है। इसके साथ ही कई शहर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की को अमेरिका, नाटो संग पूरे पश्चिमी देशों से हर तरह से सपोर्ट मिल रहा है। राकेट, हथियार, टैंक, गोला-बारूद से लेकर आर्थिक रूप से भी मदद की जा रही है। पूरा यूरोप और सुपर पॉवर अमेरिका के एक साथ आ जाने के बाद भी रूस का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। रूस इसवक्त यूक्रेन के प्रमुख शहरों पर कब्जा कर रहा है। जंग के बीच रूस को बड़ा फायदा हुआ है। क्योंकि, ट्रांसनिस्त्रिया ने रूस में वापस शामिल होने का फैसला किया है।

मोलदोवा के अलगाववादी क्षेत्र ट्रांसनिस्त्रिया के विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रांसनिस्त्रिया स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और बहुत जल्द ही रूस के साथ फिस से मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) की सदस्यता के लिए आवेदन करने के मोलदोवा के निर्णय से सहयोग की कोई भी संभावना समाप्त हो जाएगी। यूक्रेन और शेष मोलदोवा के बीच पड़ने वाले क्षेत्र ट्रांसनिस्त्रिया में वर्ष 1992 में अलगावादियों का युद्ध समाप्त होने के बाद से रूसी शांति बल तैनात हैं।

यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान के बाद से ही खबरें आने लगी कि रूस ट्रांसनिस्त्रिया को भी अपने साथ मिलाना चाहता है। खैर ट्रांसनिस्त्रिया ने अब खुद ही ऐलान कर दिया है कि, वो रूस के साथ मिलना चाहता है। यहां पर लगभग 470,000 की आबादी है। ट्रांसनिस्त्रिया के विदेश मंत्री विताली इग्नात्येव ने मॉस्को में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ट्रांसनिस्त्रिया 2006 में हुए जनमत संग्रह में तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करके रहेगा और ट्रांसनिस्त्रिया का रूस के साथ एकीकरण संभव है।

बता दें कि, मोलदोवा को नाटो पिछले काफी समय से अपने साथ मिलाने पर लगा हुआ है। पश्चिमी देश लगातार इसे नाटो में मिलाने के लिए पिछले कुछ समय से काफी कोशिशें कर रहे हैं। यहां तक की जून में यूरोपीयन यूनियन ने मोलदोव को सदस्यता के लिए उम्मीदवार का दर्जा देते हुए कहा था कि, भ्रष्टाचार से निपटने और कानून को और मजबूत करने जैसे अगर वो सुधार करता है तो, उसे EU की पूर्ण सदस्यता दे दी जाएगी। लेकिन अब ट्रांसनिस्त्रिया के रूस में वापस से मिल जाने से नाटो को बड़ा झटका है।