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पाकिस्तान पहुंचते ही बड़बोले बिलावल भुट्टो ने दिखाई औकात! हिंदुस्तान के खिलाफ उगला जहर

बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तान पहुंच गए

पाकिस्तान के भारत संग क्या रिश्तें हैं यह किसी से छुपा नहीं है और इसका कारण भी पाकिस्तान ही रहा है। भारत ने कई बार पाकिस्तान संग रिश्ते सुधारने की कोशिश की लेकिन, पाकिस्तान ये कभी नहीं चाहता। भारत पर लगातार बयानबाजी करने वाले पाकिस्तान एक हाथ सो मदद मांग रहा है और दूसरी ओर वो पीठ में खंजर घोंप रहा है। हाल हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto) भारत में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में शामिल होने के बाद वापस अपने देश लौट गए हैं। यहां पहुंचते ही उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है।

यूं तो बिलावल भुट्टो ने अपनी इस यात्रा को एक सफलता बताया। इसके साथ ही कहा, भारत और खास तौर पर बीजेपी एक प्रोपेगेंडा चला रही है कि हर मुसलमान आतंकी है उसे नकार दिया गया है। कराची में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘BJP और RSS दुनिया में मुस्लिमों और हर पाकिस्तानी को आतंकी साबित करना चाहते हैं। हमारी यह यात्रा इस दावे को खारिज कर रही है।

गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर (s. jaishankar) ने कहा, आतंकवाद के पीड़ित उनके साथ बैठ कर आतंकवाद पर चर्चा नहीं करते जो इसे फैला रहे होते हैं।’ बिलावल भुट्टो के आने पर जयशंकर ने कहा था, भुट्टो एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर आए। यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है और हम इससे ज्यादा कुछ नहीं देखते हैं।

एस जयशंकर ने सिखाया सबक

विदेश मंत्री जयशंकर के सख्त बयानों पर उनका कहना था कि मैं समझता हूं कि यह बयान भारत की इनसिक्योरिटी है। वह जो झूठा प्रचार कर रहे हैं, हम वहां जाकर उस मिथक को तोड़ते हैं। भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच कोई भी द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई थी। इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि आतंकवाद पर पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी ज्यादा तेजी से कम हो रही है।

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हाथ जोड़ने पर कही ये बात

बिलावल भुट्टो और एस जयशंकर के हाथ न मिलाने से जुड़े विवाद पर भी उन्होंने सफाई दी। दरअसल एस जयशंकर ने बिलावल से हाथ नहीं मिलाया बल्कि हाथ जोड़ कर अभिवादन किया। इस पर भुट्टो ने कहा कि जिस तरह वह मुझसे मिले ठीक इसी तरह हम सिंध और मुल्तान में अभिवादन करते हैं। मेरे लिए तो यह खुशी का मौका था कि हम इस तरह मिल रहे हैं। इसमें हमें शिकायत जैसा कुछ नहीं लगा, क्योंकि वह हर किसी से ऐसे ही मिले। उन्होंने आगे कहा, ‘बाद में हम डिनर या अन्य जगहों पर मिले तो हमने हाथ मिलाया। हम सभ्य लोग हैं, एक दूसरे को देखते ही लड़ाई नहीं शुरू कर देते।