काला सागर (Black Sea) अटलांटिक महासागर का एक सीमांत भूमध्य सागर है जो यूरोप और एशिया के बीच , बाल्कन के पूर्व में , पूर्वी यूरोपीय मैदान के दक्षिण में , काकेशस के पश्चिम में और एनाटोलिया के उत्तर में स्थित है । यह तुर्की , बुल्गारिया , रोमानिया , यूक्रेन , रूस और जॉर्जिया से घिरा है। वो काला सागर जिसकी भयंकर गर्जनाओं से कलेजा कांप उठता है, अब उस काले सागर (Black Sea) का जल जहरीला जल्लाद बन चुका है। काले सागर के इस जहरीले जहर ने समुद्र में मौजूद सभी अर्चिनों को मौत की नींद सुलाकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। अचानक ऐसा क्या हो गया कि काले सागर में मौतों का तांडव होने लगा…यही सवाल हर किसी के जेहन में है। आपको बता दें कि हाल ही में इजरायल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि कुछ ही महीनों के भीतर एक घातक महामारी ने लाल सागर की अकाबा की खाड़ी से उठकर काला सागर पहुंची, जिसने काले सागर की सभी जलचरों की आबादी को मार डाला।
विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि यह स्थिति खाड़ी के पूरे प्रलेखित इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसके तटों में इजरायल, जॉर्डन, सऊदी अरब और मिस्र शामिल हैं। काला सागर से अर्चिन गायब होने से खाड़ी के प्रवाल भित्तियों को नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि अर्चिन शैवाल पर फीड करते हैं और उन्हें सूर्य के प्रकाश के लिए उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले कोरल पर कब्जा करने और दम घुटने से रोकते हैं।
भूमध्य सागर और लाल सागर में भी मौतों का दिख सकता है तांडव
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि भूमध्य सागर और लाल सागर में भी इन समुद्री अर्चिनों की पूरी आबादी जल्द ही बीमार हो जाएगी और मर जाएगी, क्योंकि ग्रीस और तुर्की के तटों पर व्यापक मृत्युदर पहले ही देखी जा चुकी है। अनुसंधान दल ने इजरायल नेचर एंड पार्क्स अथॉरिटी को स्थिति का वर्णन करते हुए तत्काल एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें ब्रूडस्टॉक ब्लैक सी अर्चिन की आबादी स्थापित करने का आह्वान किया गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्रकृति में लौटाया जा सके। शोधकर्ता मानते हैं कि घातक महामारी का स्रोत एक रोगजनक रोमक परजीवी है जो भूमध्य सागर से लाल सागर तक फैल गया है। यही काले सागर में अर्चिनों की मौत का कारण बना है। अर्चिनों की मौत से दुनिया भर के वैज्ञानिक हैरान हैं।
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