Hindi News

indianarrative

अर्जेंटीना ने चीन-पाकिस्तान के ‘कबाड़’ को खरीदने से किया इनकार- JF-17 डील कैंसल

China Argentina Fighter Jets Deal

China Argentina Fighter Jets Deal: चीन के सामान के बारे में कहा जाता है कि, ये दो मिनट भी नहीं टिकते। एक बार खरीदने के बाद ये कितने दिनों तक या फिर कितने देर तक चलेंगे कोई भरोसा नहीं। इसलिए लोग चीनी माल पर ज्यादा भरोसा नहीं करते। चीनी सामान सस्ता जरूर होता है लेकिन, टिकाऊं कतई नहीं होता। चीन के कई सैन्य हथियारों को भी कबाड़ बताया गया है। जिसमें से एक है Chengdu FC-1/JF-17 ‘थंडर’ फाइटर जेट। जिसे पाकिस्तान और चीन ने मिलकर बनाया है। इसी फाइटर जेट को लेकर चीन को तगड़ा झटका लगा है। दक्षिणी अमेरिकी देश को अपने सैन्य हार्डवेयर बेचने की चीन की योजना पर पानी फिर गया है। अर्जेंटीना ने चीन से फाइटर जेट (China Argentina Fighter Jets Deal) खरीदने का इरादा अब बदल दिया है। पिछले हफ्ते अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने घोषणा की थी कि अर्जेंटीना तत्काल कोई सैन्य विमान नहीं खरीदेगा। इससे अपने जेएफ-17 फाइटर जेट (China Argentina Fighter Jets Deal) को लैटिन अमेरिका तक पहुंचाने की चीनी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

चीन संग अर्जेंटीना की डील कैंसिल
चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर Chengdu FC-1/JF-17 ‘थंडर’ फाइटर जेट को बनाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति फर्नांडीज ने अपने एक बयान में कहा कि, अर्जेंटीना को अपने संसाधनों को सैन्य विमानों की खरीद से ज्यादा जरूरी चीजों पर खर्च करना है। दक्षिण अमेरिका महाद्वीप पर युद्ध की कोई समस्या नहीं है और क्षेत्रीय देशों के बीच एकता है। चार दशक की सर्विस के बाद 2015 में डसॉल्ट मिराज III फाइटर जेट रिटायर होने के बाद से अर्जेंटीना ने कोई भी लड़ाकू विमान नहीं खरीदा है।

FC-1/JF-17 में काफी गड़बड़ियां हैं
अर्जेंटीना सरकार ने पिछले साल 2022 के बजट में मल्टीफंक्शनल फाइटर जेट्स की खरीद के लिए 664 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बजट तय किया था। जेएफ-17 चौथी पीढ़ी का हल्के वजन वाला सिंगल-इंजन मल्टीरोल जेट है जिसकी अधिकतम गति मैक 1.6 और कॉम्बैट रेडियस 1400 किमी तक है। लेकिन, पाकिस्तान संग मिलकर बनाए गये चीन के इस फाइटर जेट में कई गड़बड़ियां देखने को मिली। इसके बाद भी चीन इसे छोटे देशों को बेच रहा है। चीनी नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी की तमाम कोशिशों के बाद भी रूसी आरडी-93 इंजन के साथ समस्या जारी है। वर्तमान में यह जेट पाकिस्तान, म्यांमार और नाइजीरिया में सर्विस में हैं।