China Sends 71 Warplanes To Taiwan: चीन इस वक्त कोरोना की भंयकर मार झेल रहा है। हाल यह है कि, चीन के अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है। कोरोना मरीजों को जमीन पर लेटा कर इलाज किया जा रहा है। संक्रमण के नए मामलों में विस्फोट होते जा रहा है। मेडिकल स्टोर पर जरूरत की दवाईयां खत्म होते जा रही हैं। लंबी-लंबी कतारें में लोग दवाओं के लिए कई घंटों इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, इन सब के बीच चीन को दूसरों के जमीनों को हड़पने की पड़ी है। चीन और ताइवान (China Sends 71 Warplanes To Taiwan) को लेकर तनाव एक बार फिर से चरम पर है। चीन ने 24 घंटे तक शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताइवान की ओर 71 विमान (China Sends 71 Warplanes To Taiwan) और सात पेत भेजे हैं। चीन ने ये कार्रवाई अमेरिका के ताइवान से संबंधित अमेरिकी वार्षिक रक्षा व्यय विधेयक पारित करने के बाद की है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इसे एक गंभीर राजनीतिक उकसावा करार देते हुए कहा था कि, यह चीन के आंतरिक मामलों में खुलेआम हस्तक्षेप है। वहीं, ताइवान ने इस विधेयक का स्वागत करते हुए बताया है कि, यह स्वशासित द्वीप के प्रति अमेरिका के समर्थन को प्रदर्शित करता है।
चीन ने कहा य अमेरिका-ताइवान उकसावे का जवाब है
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि, रविवार सुबह छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे के बीच ताइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में चीन के 47 (China Sends 71 Warplanes To Taiwan) विमान गुजरे। यह एक अनौपचारिक सीमा है, जिसे दोनों पक्षों ने मौन रूप से स्वीकार किया है। चीन ने ताइवान की ओर जो विमान भेजे उसमें, 18 जे-16 लड़ाकू विमान, 11 जे-1 लड़ाकू विमान, छह एसयू-30 लड़ाकू विमान और ड्रोन शामिल हैं। ताइवान भी पूरी तैयार है और अपनी भूमि आधारित मिसाइल प्रणालियों के साथ अपने नौसैनिक पोतों को भी तैनात किये हुए है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के ईस्टर्न थिएटर कमान के प्रवक्ता शी यी ने रविवार को एक बयान में कहा, यह अमेरिका-ताइवान के उकसावे का जवाब है।
अमेरिका करेगा ताइवान की मदद
शी यी ने कहा कि, PLA ताइवान के आसपास के जल क्षेत्र में संयुक्त गश्त कर रहा है और संयुक्त युद्धभ्यास कर रहा था। शी अमेरिकी रक्षा व्यय विधेयक का जिक्र कर रहे थे, जिसे चीन ने रणनीतिक चुनौती बताया है। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 858 अरब डॉलर के रक्षा विधेयक पर शुक्रवार को हस्ताक्षर कर उसे कानून का रूप दे दिया था। इसमें मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने और चीन एवं रूस के प्रति देश की सैन्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए सांसदों से किये बाइडन के वादे से 45 अरब डॉलर अधिक शामिल है।
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