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Tawang में मार खाने के बाद अक्ल आई ठिकाने! भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है China

China Wants To Work With India

China Wants To Work With India: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन जबरन घुस आया था, जिसके बाद चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच दो-दो हाथ हुआ। चीन की ओर से 300 सैनिक और इसके आधे भारतीय जवान। इतने कम भारतीय जवानों ने चीन के सबक सिखाते हुए उन्हें उनकी सीमा में जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस झड़प में चीन के 100 से भी ज्यादे सैनिक घायल हुए थे। जबकि भारत के बहुत कम सैनिकों को मामूली चोटें आईं। यहां मूंह की खाने के बाद चीन अब जमीन पर आ गया है। चीन (China Wants To Work With India) अब भारत के साथ अपने रिश्ते को सुधारना चाहता है। चीन का कहना है कि, वो भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। वैसे भी चीन की यही रीत रही है। जब भी वो इस तरह की हरकतें करता है तो वो इसी तरह कि रिश्तों की बात करने लगता है। दरअसल, चीन (China Wants To Work With India) के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि, उनका देश बेहतर द्विपक्षीय संबंधों के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है।

धखेबाज चीन चाहता है भारत संग अच्छे रिश्ते
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यह बयान नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन की सेनाओं के बीच हुए टकराव के बाद आया है। वांग ने साल के अंत में होने वाले एक रिव्‍यू कार्यक्रम के दौरान यह बात कही है। वांग जो ने कहा कि, भारत और चीन ने सैन्‍य और राजनयिक माध्‍यमों से संपर्क बरकरार रखा है। दोनों देश सीमाई इलाकों पर शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं। चीन के विदेशी संबंधों पर आधारित इस आयोजन में वांग के भाषण को विदेश मंत्रालय की तरफ से रविवार को रिलीज किया गया है। सूत्रों की मानें तो तवांग में नौ दिसंबर को जो झड़प हुई उसके पीछे पीएलए की वेस्‍टर्न थियेटर कमांड का हाथ था। जो टकराव हुआ था उसमें भारतीय सैनिकों ने बहुत बुरी तरह से चीनी सैनिकों को पीटा था।

तवंगा टकराव के बाद जमीन पर आया चीन
जब अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत की सीमा में चीन की सेनाएं घुस आईं तो उनकी सैनिक करीब 300 थी। जिसके बाद दोनों सेनाओँ के बीच टकराव हुआ और इसमें सबसे ज्यादा चीन को नुकसान हुआ। जबकि घायल भारतीय सैनिकों की संख्‍या काफी कम थी और उन्‍हें हल्‍की चोटें आई। कहा जा रहा है कि हाल ही में उत्‍तराखंड के औली में एलएसी के करीब भारत और अमेरिका के सैनिकों ने एक युद्धाभ्‍यास किया था। चीन को इसी युद्धाभ्‍यास पर खासी आपत्ति थी और उसने अपनी खिसियाहट तवांग में निकाली।

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