अंतर्राष्ट्रीय

China पर बड़ा खतरा, अमेरिका ने Micro Chip सप्लाई पर लगाया फुल बैन

चाईना के (Chinese Space) स्पेस और AI प्रोजेक्ट पर खतरा पैदा हो गया है। ऐसा अमेरिका और चीन (US-China) के बीच तकनीक, बिजनेस से लेकर राजनीतिक क्षेत्र में तनाव पिछले कई सालों से देखने को मिला है।चाईना के (Chinese Space) स्पेस और AI प्रोजेक्ट  के लिए माइक्रो चिप की जरूरत होती है। अमेरिका ने चाईना के (Chinese Space) स्पेस और AI प्रोजेक्ट के लिए चिप सप्लाई पर बैन लगा दिया है। दरअसल,  अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था और इसे लेकर दोनों देशों के बीच गहरा तनाव पैदा हो गया था। यहां तक कि चीन ने बड़े पैमाने पर ताइवान की समुद्री सीमा के करीब बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी। एक ओर चीन अड़ा हुआ है तो दूसरी ओर अमेरिका (US-China)। अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका उसके सामने खड़ा होगा। ऐसे में दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ जाएगा। अब अमेरिका ने चीन की ऐसी नकेल कसी है कि, वो भड़क उठा है। दरअसल, अमेरिका ने कुछ एडवांस किस्म की चिप्स को चीन को एक्सपोर्ट किए जाने पर रोक लगा दी है।

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अमेरिका के चिप्स एक्सपोर्ट पर रोक लगाए जाने के बाद चीन की कई दिग्गज कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है, जो पब्लिक क्लाउड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेक्टर में काम करती हैं। चिप डिजाइनिंग कंपनी Nvidia कॉरपोरेशन ने का कहना है कि, अमेरिकी अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि चीन को दो टॉप कंप्यूटिंग चिप्स का एक्सपोर्ट रोक दिया जाए। इन चिप्स का इस्तेमाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के काम से जुड़ी डिवाइसेज में किया जाता है। इसके अलावा एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज कंपनी ने भी बताया कि उसे नियमों के तहत अलग ढंग से लाइसेंस के आवेदन का लाइसेंस मिला है। ऐसा करने पर वह चीन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप MI250 का निर्यात नहीं कर पाएगी।

अमेरिका द्वारा उठाए गए इस कदम पर चीन बुरी तरह भड़क उठा है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता शू जुएटिंग ने कहा कि अमेरिका का यह फैसला चीनी कंपनियों के अधिकारों को नजरअंदाज करने वाला है। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित होगी। साफ है कि अमेरिका के इस फैसले से चिप टेक्नोलॉजी की दुनिया में टकराव और तेज हो जाएगा। अमेरिका की एक फाइनेंस और स्ट्रेटजी कंसल्टिंग फर्म के जे गोल्डबर्ग ने बताया कि हम चीन की फर्मों को चिप सप्लाई करने से रोकना चाहते हैं। ऐसा ही फैसला अमेरिका ने हुवावे को लेकर किया था। एक एनालिस्ट ने कहा कि, यह संकट और गहरा सकता है।

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ये झटका कुछ नहीं है अभी अमेरिका की ओर से ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और सैमसंग पर भी चीन के लिए चिप्स बनाने पर रोक लगाई जा सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका का यह फैसला चीन के लिए काफी बुरा साबित हो सकता है। अमेरिकी बैन से चीन की दिग्गज कंपनियों अलीबाबा, टेनसेंट, बाइडू और हुवावे को झटका लग सकता है।

आईएन ब्यूरो

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