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इमरान खान का विदेशी साजिशी प्लान फेल, गिरफ्तार कर सकती है Pak Army, प्रेस कान्फ्रेंस में DG ISPR के रुख से कांपा ‘कप्तान’

इमरान खान पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

सिविल डिक्टेटर की शक्ल लेते जा रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरानखान की पोल उसी आर्मी ने खोल कर रख दी है, जिसके बारे में वो पिछले लगभग एक महीने से अभियान चला रहे थे। उसको सत्ता से बाहर किए जाने की विदेशी मुल्क की साजिश में सियासी दलों के साथ आर्मी पर मिले होने का आरोपल लगाने वाले इमरान खान को पिछली 9 अप्रैल को अविश्वास मत के सहारे पाकिस्तान की सत्ता से उखाड़ बाहर फेंक दिया था। जलसों-प्रदर्शनों और सोशल मीडिया पर आर्मी चीफ के खिलाफ चालए जा रहे अभियान और इमरान खान की पोल खोलने के लिए पाक आर्मी की कम्युनिकेशन कोर के डीजी आईएसपीआर बाबर इफ्तिखार ने एक प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई थी। यह पहली बार था कि पाकिस्तान के पत्रकारों के सभी सवालों के जवाब आर्मी ने दिए। 

पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल पब्लिक रिलेशन मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक के बाद जारी बयान में 'साजिश' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। ध्यान रहेइमरान खान ने ढोल पीट रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में उनकी सरकार को गिराने के पीछे विदेशी साजिश की बात को स्वीकार किया गया था।

मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार से पूछा गया कि इमरान खान के उन्हें हटाने के लिए एक विदेशी साजिश के दावे पर सैन्य नेतृत्व का रुख क्या है। क्या एनएससी की बैठक में इस तरह के दावे का समर्थन किया गया था। जिसके जवाब में बाबर इफ्तिखार ने कहा कि जहां तक एनएससी बैठक के बारे में पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया की बात है, उस बैठक में सेना के रुख को पूरी तरह से बता दिया गया था और फिर एक बयान जारी किया गया था … जो स्पष्ट रूप से कहता है कि उस बैठक में क्या निष्कर्ष निकाला गया था। इस्तेमाल किए गए शब्द आपके सामने हैं… जैसा मैंने कहा… इस्तेमाल किए गए शब्द स्पष्ट हैं। क्या इसमें 'साजिश' जैसे किसी शब्द का इस्तेमाल किया गया है? मुझे नहीं लगता। जनरल इफ्तिखार ने कहा कि अगर सरकार फैसला करती है तो एनएससी बैठक के मिनट्स को सार्वजनिक किया जा सकता है।

एक अन्य जवाब में डीजी आईएसपीआर ने खुलासा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने राजनीतिक संकट का समाधान खोजने में मदद करने के लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारा राजनीतिक नेतृत्व बात करने के लिए तैयार नहीं था। इसलिए सेना प्रमुख और आईएसआई के महानिदेशक पीएमओ गए और तीन परिदृश्यों पर चर्चा की गई थी। पहला यह था कि अविश्वास प्रस्ताव जैसा है वैसा ही रहना चाहिए, दूसरा यह कि प्रधानमंत्री इस्तीफा दे दें और अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया जाए और तीसरा कि राज्य विधानसभाओं को भंग कर दिया जाए। जनरल बाबर इफ्तिखार ने दावा किया कि सेना की तरफ से इमरान खान को कोई भी विकल्प नहीं दिया गया था।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने विपक्षी दलों के साथ बैठक के दावों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे फर्जी और बेबुनियाद हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने ये बातें सुनीं… खोजी पत्रकारिता बहुत आगे बढ़ गई है। अगर किसी के पास सबूत हैं, तो उसे सामने लाएं। ऐसा कोई संपर्क नहीं था, कोई सौदा नहीं था। अल्लाह के लिए, ऐसा कुछ भी नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अपने नियत समय पर रिटायर होंगे। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख के सेवा विस्तार को लेकर भी अफवाहें थीं। मैं इस पर विराम लगा देता हूं। सीओएएस (आर्मी चीफ) न तो विस्तार की मांग कर रहे हैं और न ही वह इसे स्वीकार करेंगे। वह 22 नवंबर को समय पर सेवानिवृत्त होंगे।

आर्मी चीफ जनरल बाजवा के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान में कई लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि एजेंसिया काम कर रही हैं इस अभियान में पीटीआई (इमरान खान की पार्टी) के कुछ लोग शामिल पाए गए हैं। सेना के इस रुख को देखते हुए लग रहा है कि आर्मी सीधे भले ही इमरान खान को गिरफ्तार न करे लेकिन पाकिस्तान की कोई दूसरी एजेंसी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। 18 करोड़ के हीरेों के हार की चोरी की जांच एफआईए ने शुरू कर ही दी है। जैसे ही ऊपर से हरी झण्डी मिलेगी वैसे ही इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।