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रूस से पंगा लेकर भारी कीमत चुका रहा NATO, Putin के ऐक्शन में आते ही इस बड़े देश ही चौपट हो गई अर्थव्यवस्था

रूस से पंगा लेकर बर्बाद हो गया जर्मनी

रूस पर जब पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाना शुरू किया था तो उन्हें इसका अंदाजा नहीं था रूस से ज्यादा उनपर ही इसका फर्क पड़ेगा। नाटो, अमेरिका के इन कदमों का असर पूरा पश्चिमी देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया सह रही है। कई चीजों की भारी कमी आ गई है। महंगाई अपने चरम पर है। तेल रिकॉर्ड हाई पर है। यूक्रेन जंग में पुतिन सिर्फ उससे नहीं बल्कि पूरे यूरोप से लड़ रहे हैं। अमेरिका, नाटो पूरी तरह से यूक्रेन का मदद कर रहे हैं और रूस अकेला इनके सामने खड़ा है। अमेरिका ने प्रतिबंध का एलान तो कर दिया लेकिन, सोचा नहीं था कि पश्चिमी देशों में महंगाई इस कदर आ जाएगी कि जनता का हाल बेहाल हो जाएगा। इस वक्त जर्मनी में रूसी गैस नहीं मिलने के चलते भारी संकट आ गया है। इसके साथ ही जर्मनी का औद्योगिक ढांचा ढहने के कगार पर है। इसकी चेतावनी वहां की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन ने दी है।

जर्मन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स (डीजीबी) ने ये चेतावनी चांसलर शोल्ज से अपनी बातचीत शुरू होने के एक दिन पहले रविवार को दी। देश में बढ़ी महंगाई और ईंधन के अभाव के कारण कर्मचारियों में बढ़ रहे असंतोष को लेकर ये बातचीत शुरू हो रही है। डीजीबी की प्रमुख यास्मीन फाहिमी ने जर्मन अखबार बिल्ड को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा कि, गैस की सप्लाई में रुकावट के चलते पूरे उद्योग ढांचे के स्थायी रूप से ढह जाने का अंदेशा है। इनमें अल्यूमिनियम, शीशा, और केमिकल्स इंडस्ट्री शामिल हैं। अगर इस रूप में उद्योग ढहे, तो उसके पूरी अर्थव्यवस्था और नौकरियों की स्थिति के लिए बेहद गंभीर नतीजे होंगे।

जर्मनी में ऊर्जा संकट रिकॉर्ड स्तर पर है। इसे देखते हुए डीजीबी ने मांग की है कि घरों में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा की कीमत पर सीमा लगाई जाए। जर्मनी में कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन पर भी शुल्क लगता है। डीजीबी ने कहा है कि इसका भारी बोझ भी परिवारों और कंपनियों को उठाना पड़ रहा है। फाहिमी ने चेतावनी दी है कि अगर हालत काबू में नहीं आई, तो उससे देश में सामाजिक और श्रमिक अशांति फैल सकती है।

रूस नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन से होने वाली गैस की सप्लाई में 60 फीसदी की कटौती कर चुका है। उसने कहा है कि जुलाई के अंत तक इस पाइपलाइन से सप्लाई पूरी तरह रुक जाएगी। इस खबर से जर्मनी में अफरातफरी का माहौल है। रूस के इस एलान के बाद गैस और महंगी हो चुकी है। ऐसे में अब पश्चिमी देशों में भी बहुत जल्द ही महांगाई का भूचाल आने वाला है। जिसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल सकता है।