Bakhmut Battle: रूस और यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। लेकिन, सबसे ज्यादा इसका असर पश्चिमी देशों में पड़ रहा है। ग्रीस, जर्मनी, स्विट्जलैंड, फ्रांस, बेल्जियम से लेकर कई अन्य पश्चिमी देशों में आर्थिक भूचाल आया हुआ है। लेकिन, ये बात दुनिया के सामने नहीं बताई जा रही है। इस जंग में और एक बात यह कि पश्चिमी देश सिर्फ रूस (Russia vs NATO) से जुड़ी खबरों को बढ़ा चढ़ाकर दिखा रहे हैं। जबकि यूक्रेन तो पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। कई शहरों में तो बुरी तरह से तबाही मची हुई है। यूक्रेन को फिर से पहले जैसे होने में 5-10 साल नहीं बल्कि 20 साल से भी ज्यादा का समय लग सकता है। जेलेंस्की अपने तो बुरी तरह से फंसे ही हैं साथ ही पश्चिमी देशों को भी अपने संग ले डूबे। अगर ऐसा नहीं है तो फिर जर्मनी, ग्रीस में जो आर्थिक भूचाल आया है उसका जिम्मेदार कौन होगा। इस बीच अब रूस ने यह दावा किया है कि उसने यूक्रेन के पूर्वी शहर बखमुत पर कब्जा कर लिया है, हालांकि यूक्रेन के शीर्ष सैन्य नेतृत्व का कहना है कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि रूस का बखमुत के केवल एक छोटे से हिस्से पर नियंत्रण है। यूक्रेन का कहना है कि उनके लड़ाकों की मौजूदगी ने रूसी सेना को थका देने की रणनीति में अहम भूमिका निभाई।
बीते दिनों कब्जे का दावा
यूक्रेनी सशस्त्र बलों के लिए जमीनी बलों के कमांडर कर्नल-जनरल ऑलेक्जेंडर सिरस्की का कहना है, मौजूदा हालात हमें स्थिति में बदलाव करने और शहर में प्रवेश करने का मौका देते हैं। यह निश्चित तौर पर होगा।’ वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने रविवार तड़के दावा किया था कि देश की निजी सेना ‘वैगनर’ ने रूसी सैनिकों की मदद से यूक्रेन के बखमुत शहर पर शनिवार दोपहर कब्जा कर लिया।
जेलेंस्की ने किया इनकार
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बखमुत शहर पर रूसी सेना के कब्जे से रविवार को इनकार कर दिया था। इसके बीच ही वैगनर ग्रुप की तरफ से कहा गया है कि एक जून को वह बखमुत का नियंत्रण रूस की सेना के हाथों में सौंप देगी। वैगनर और रूस की सेना इस पर जीत का ऐलान कर रही है। वैगनर लड़ाकों ने बख्मू पर रूस के हमले का नेतृत्व किया है और मॉस्को के यूक्रेन हमले के दौरान प्रिगोझिन का प्रभाव काफी बढ़ गया है।
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बखमुत की अहमियत क्या?
बखमुत, पूर्वी यूक्रेन का शहर है और डोनेट्स्त प्रांत में आता है। यह जगह क्षेत्रीय परिवहन और मिलिट्री सप्लाई का बड़ा केंद्र था। बखमुत बड़े पैमाने पर रूसी-भाषा वाले औद्योगिक डोनबास क्षेत्र का हिस्सा है। रूस हमेशा से इसे अपने सैन्य अभियान के साथ जोड़ना चाहता था। लेकिन अगर बखमुत पर कब्जा सही है तो फिर तो डोनेट्स्क क्षेत्र के दो बड़े शहरों – क्रामटोरस्क और स्लोवियांस्क, रूस के कब्जे में आ जाएंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस साल मार्च में सीएनएन को बताया था कि उन्हें डर है कि अगर रूस ने बखमुत पर कब्जा कर लिया तो फिर उसके पास दो शहरों पर कब्जा कर सकता है।