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टाइटैनिक पनडुब्‍बी में मौत के आखिरी पल जानकर कांप जाएगी रूह, कुछ सेकेंड्स में जिंदगी हो गयी तबाह

टाइटैनिक पनडुब्‍बी में मौत के आखिरी पल

Titanic Submarine: बीते दिनों पनडुब्‍बी टाइटन अटलांटिक सागर में डूब गई है। इसमें सवार सभी पांच लोगों की जिंदगी उसी दिन खत्म हो गई। मौत कितनी ज्यादा दर्दनाक होगी, इसका आप और हम बस अंदाजा ही लगा सकते हैं। जो पांच लोग डूबकर मरे हैं, उनकी लाश तक नहीं मिल सकती है। अमेरिकी नौसेना के डॉक्‍टर रहे एक रिटायर्ड ऑफिसर ने खुद बताया है कि इस छोटी सी पनडुब्‍बी में मौत के आखिरी पल कैसे रहे होंगे। यकीन मानिए जो कुछ भी उन्‍होंने बताया है उसे जानकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

रोबोट को दिखे टुकड़े

यूएस नेवी के रिटायर्ड हाई रैंकिंग डॉक्‍टर की मानें तो पनडुब्‍बी में सवार पांचों लोगों की मौत सिर्फ कुछ मिलीसेकेंड्स में ही हो गई होगी। इस पनडुब्‍बी का मलबा टाइटैनिक जहाज के मलबे से 1600 फीट की दूरी पर मिला है। इस पनडुब्‍बी के अंदर यात्री कुचल दिए गए होंगे। इन लोगों ने कभी ऐसी कल्‍पना भी नहीं की होगी कि उन्‍हें ऐसी मौत मिलेगी। गुरुवार को समुद्र की सतह से लगभग दो मील नीचे गहरे समुद्र में मौजूद एक रोबोट ने टूटे हुए पनडुब्बी के बड़े टुकड़ों को देखा था।

स्विच ऑन, स्विच ऑफ

डेली मेल ने अमेरिकी नौसेना के साथ काम कर चुके अंडर सी मेडिसिन एंड रेडिएशन हेल्‍थ के पूर्व डायरेक्‍टर डॉक्‍टर डेल मोले के हवाले से मौत के आखिरी पलों के बारे में बताया है। उन्‍होंने बताया है कि टाइटन क्रू ने अपने दुखद अंतिम क्षणों में क्या-क्‍या अनुभव किया होगा। मोले के मुताबिक यह सब इतना अचानक हुआ होगा कि उन्हें पता भी नहीं चला होगा कि कहीं कोई समस्या थी या फिर उनके साथ क्या हुआ या हो रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘यह ऐसा ही है जैसे आप वहां पर एक मिनट रुके और फिर स्विच बंद कर दिया गया।

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जैसे फटा कोई गुब्‍बारा

डॉ. मोले ने पनडुब्‍बी में हुए विस्फोट की तुलना गुब्बारे के बहुत अधिक फूलने पर उसके फटने से की। उन्‍होंने बताया इस विस्‍फोट में उनके टुकड़े-टुकड़े हो गए होंगे। उनके शब्‍दों में, ‘ इम्‍प्‍लोशन (अंत: विस्फोट) तब होता है जब दबाव की लहर अंदर की ओर होती है, जबकि एक्‍सप्‍लोजन (विस्फोट) तब होता है जब दबाव की लहर या शॉक वेव किसी भी बाहरी स्‍त्रोत से आती हैं। उनका कहना था कि सबमर्सिबल को पानी के अंदर मौजूद दबाव को झेलने के लिए डिजाइन किया जाता है। सतह से 12,500 फीट नीचे जहां दबाव समुद्र तल से करीब 400 गुना ज्‍यादा दबाव होता है।