अंतर्राष्ट्रीय

यूक्रेन युद्ध में फ़ैल हुआ जर्मनी का Leopard -2 टैंक! वजन बन रहा समस्या

रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए 500 दिन पूरे हो चुके हैं। यूक्रेनी सेना नाटो देशों से मिले हथियारों (Leopard -2 )के दम पर रूस को कड़ी टक्कर दे रही है। अमेरिका ने यूक्रेन को प्रतिबंधित क्लस्टर बम देने का ऐलान किय है। इस बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन अपनी फ्रंट लाइन से लेपर्ड-2 टैंक को पीछे हटा रहा है। यह टैंक जर्मनी ने दिया था। रूस ने दावा किया है कि यूक्रेनी सेना जर्मनी से मिले लेपर्ड-2 (Leopard -2 )टैंक को फ्रंटलाइन से पीछे हटा रही है। लेपर्ड-2 को यूरोप के सबसे बेहतरीन और ताकतवर टैंकों में से एक माना जाता है। इस टैंक की मार करने की ताकत काफी ज्यादा है। हालांकि, रूस पहले भी लेपर्ड-2 टैंक को नष्ट करने का दावा कर चुका है।

यूक्रेनी सेना बख्तरबंद वाहनों की कमी से जूझ रही है

रूस ने बताया है कि यूक्रेनी सेना के पास भारी रूसी ठिकानों पर काबू पाने के लिए पर्याप्त टैंक, बख्तरबंद वाहन या बारूद नहीं है। यूक्रेन ने अपने प्रसिद्ध लेपर्ड-2 टैंक को अग्रिम पंक्ति से हटा लिया है और अपने घरेलू टैंक उत्पादन में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है। यूक्रेन की 108वीं ब्रिगेड के एक यूनिट कमांडर ने कहा कि यूक्रेनी सेना बख्तरबंद वाहनों की कमी से जूझ रही है, पैदल सेना को पैदल आगे बढ़ने के लिए मजबूर किया गया है।

रूस ने 16 लेपर्ड टैंक नष्ट करने का किया दावा

पिछले हफ्ते रूसी सेना ने दावा किया था कि एक महीने की लड़ाई में उसने यूक्रेन के 16 लेपर्ड टैंक और 18 विमानों सहित 920 बख्तरबंद वाहन को नष्ट कर दिया है। हालांकि, रूस के दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।

वजन बन रहा समस्या

यूक्रेनी सेना के अनुसार, लेपर्ड-2 टैंक (Leopard -2 )का भारी वजन बड़ी समस्या है। जून में रूस के खिलाफ आक्रमण की शुरुआत में 68 टन का यह विशालकाय टैंक खदानों में फंस गए थे। तब से लेपर्ड-2 को युद्ध के मैदान में नहीं देखा गया है। लेपर्ड टैंक के मेन गन का निशाना इतना सटीक है कि उबड़ खाबड़ रास्तों पर यात्रा के दौरान भी उस पर रखा बीयर का ग्लास नहीं छलकता है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

जाने खासियत

लेपर्ड टैंक के मेन गन का निशाना इतना सटीक है कि उबड़ खाबड़ रास्तों पर यात्रा के दौरान भी उस पर रखा बीयर का ग्लास नहीं छलकता है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। लेपर्ड-2 टैंक की रेंज 370 से 547 किलोमीटर के बीच है। यानी इसे एक बार रिफ्यूल कर इतने किलोमीटर तक ऑपरेट किया जा सकता है। लेपर्ड-2 टैंक 72 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।

यह भी पढ़ें: Zoravar Tank से भारतीय सेना की बढ़ी ताकत-LAC पर चीन की हर चाल होगी फेल

लेपर्ड-2 टैंक में 120 एमएम की एल55 मेन गन लगी हुई है। इसके अलावा इसके सेकेंडरी वेपन्स में 7.62 एमएम की मशीनगन और एक एंटी एयरक्राफ्ट मशीनगन भी लगी है।लेपर्ड-2 टैंक में लगे मेन गन की रेंज 2000 मीटर है। यह रूस के टी-72 टैंक को 2000 मीटर की दूरी से और टी-62 टैंक के आर्मर को 400 मीटर की दूरी से नुकसान पहुंचा सकता है।

आईएन ब्यूरो

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