कोरोना का टीका न लगवाने वालो के खिलाफ कठोर फैसले लेने का समय आ गया है। कुछ जगह सरकारी कर्मचारियों की सेलरी रोकने और प्रमोशन टालने के ऐलान किया गया है। अब ऐसा भी कहा जा रहा है कि अगर कोई व्यक्ति जो सरकारी नौकरी में नहीं और उसके व्यक्तिगत आईडेंटिफिकेशन डेटा में कोरोना वैक्सीन लगवाने की सूचना दर्ज नहीं है मतलब यह कि अगर उसने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है तो उस पर बिना किसी सुनवाई के सजा का भुगतान करना पड़ेगा। कहने का अभिप्रायः यह कि जुर्माना चुकाना पड़ेगा।
क्या आप ये खबर सुनकर घबरा रहे हैं तो यह घबराना अच्छा है और आपने भी कोरोना का टीका नहीं लगवाया है तो जल्दी से जल्दी लगवा लेना चाहिए। लेकिन कोरोना का टीका न लगवाने पर जुर्माना भरने का फैसला मोदी सरकार का नहीं है। यह फैसला ग्रीस यानी यूनान की सरकार ने लिया है।
यूनान में वैक्सीनेशन कराने से इनकार कर रहे 60साल से अधिक उम्र के लोगों के खिलाफ मासिक जुर्माना लग सकता है और इससे उनकी पेंशन की एक-तिहाई राशि कट सकती है । नेताओं का कहना है कि इस कठोर नीति से वोट घटेंगे, लेकिन लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी। इजराइल में ओमिक्रॉन वेरिएंट के संभावित वाहकों का पता राष्ट्र की घरेलू सुरक्षा एजेंसी लगाएगी।
नीदरलैंड में लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों के खिलाफ साप्ताहिक प्रतिबंधों ने हिंसक रूप ले लिया है। यूरोप में डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ने और ओमिक्रॉन वेरिएंटको लेकर डर बढ़ने के साथ विश्व भर की सरकारें नये उपाय अपना रही है। यूनान में 60वर्ष से अधिक आयु के करीब 17प्रतिशत लोगों को टीका नहीं लगा है। प्रधानमंत्री कैरियाकोस मित्सोताकिस ने बुधवार को कहा, ‘‘मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि इस उपाय से चुनावों में कुछ अतिरिक्त वोट कट जाएंगे।’’
जर्मनी ने ऑस्ट्रिया का अनुकरण करते हुए बृहस्पतिवार को सख्त पाबंदियां लागू कर दी। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि ये उपाय जरूरी हैं क्योंकि अस्पतालों पर बोझ बढ़ रहा है। संक्रमण के मामले 24घंटे में 70,000पहुंच गये हैं। वहीं, स्लोवाकिया सरकार 60वर्ष और उसे अधिक आयु के लोगों को टीकाकरण कराने पर पर 500यूरो (568डॉलर) देने की पेशकश कर रही है।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों को सार्वजनिक गतिविधियों में भाग नहीं लेने दिया जाएगा और संसद टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के लिये एक आदेश जारी करने पर विचार कर रही है। जर्मनी में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 70 हजार नए मामले सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है। संघीय राज्यों के नेताओं के साथ बैठक के बाद मर्केल ने कहा कि यह कदम इस बात को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है कि और अधिक लोगों के कोरोना वायरस की चपेट में आने से जर्मनी के अस्पतालों पर भार बढ़ जाएगा क्योंकि टीका नहीं लगवाने वाले लोग इससे गंभीर रूप से संक्रमित हो सकते हैं।