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कनाडा में एक और हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ पर भारत ने कहा आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए

कनाडा के ओंटारियो में विंडसर स्थित BAPS स्वामीनारायण मंदिर की बाहरी दीवार पर हिंदू-विरोधी और भारत-विरोधी नारे

भारत ने गुरुवार को कनाडा के ओंटारियो के एक शहर विंडसर में एक हिंदू मंदिर में नफ़रत से प्रेरित बर्बरता की एक और घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस मुद्दे को जस्टिन ट्रूडो सरकार के सामने रखा गया है और यह आश्वासन देने के बजाय कार्रवाई करने का समय है।
इससे पहले कल विंडसर पुलिस सेवा ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें दो संदिग्धों को BAPS स्वामीनारायण मंदिर की बाहरी दीवार पर हिंदू विरोधी और भारत विरोधी नारे लिखते  हुए दिखाया गया है।
इस वीडियो में एक संदिग्ध इमारत की दीवार पर तोडफ़ोड़ करता दिख रहा है. जबकि दूसरा देखता रहता है।
दो संदिग्धों का विवरण देते हुए स्थानीय पुलिस ने मंदिर के आसपास के निवासियों से अधिक से अधिक सबूत इकट्ठा करने के लिए रात 11 बजे से 1 बजे के बीच अपने घर की निगरानी या डैशकैम वीडियो फुटेज की जांच करने का आग्रह किया।

ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि उसने कनाडा के अधिकारियों के सामने BAPS स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी चित्र बनाने या नारे लिखने के घृणित कार्य के मुद्दे को उठाया है और बर्बरता के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता है।
नई दिल्ली में साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया को सम्बोधित करते हुए विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस घटना को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” क़रार दिया और आश्वासन दिया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए इस मुद्दे को कनाडा के अधिकारियों के सामने रखा गया है।
बागची ने कहा, “हम चाहते हैं कि ये घटनायें न हों, हम कार्रवाई चाहते हैं और इस बात की सुनिश्चितता भी चाहते हैं कि भारतीय समुदाय के पूजा स्थल सुरक्षित रहें।”


ऑस्ट्रेलिया से लेकर यूनाइटेड किंगडम और कनाडा तक पिछले कुछ हफ़्तों में हिंदू मंदिरों को इस तरह की घृणित अपराधों का निशाना बनते देखा गया है।
फ़रवरी में भारतीय विरासत के प्रतीक, ब्रैम्पटन स्थित गौरी शंकर मंदिर को भारत विरोधी नारों से विरूपित कर दिया गया था, जिससे कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा था।
जनवरी में मिसिसॉगा स्थित राम मंदिर को भी बदमाशों ने निशाना बनाया था।


इसी तरह की घटनायें ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी सामने आयी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज के साथ इस मुद्दे को उठाया।
पीएम मोदी ने पिछले महीने अल्बनीज के साथ खड़े होकर कहा, “पिछले कुछ हफ़्तों से ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की ख़बरें नियमित रूप से आ रही हैं। स्वाभाविक है कि ऐसी ख़बरें भारत में लोगों को चिंतित करती हैं। मैंने इन चिंताओं को प्रधानमंत्री अल्बनीज के साथ उठाया है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि भारतीय समुदाय की सुरक्षा उनके लिए एक विशेष प्राथमिकता है।”
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने मेज़बान सरकारों और एजेंसियों को उन कार्रवाइयों को लेकर “बहुत स्पष्ट” कर दिया है, जिसकी अपेक्षा उनसे की जाती है।
बागची ने कहा, “आश्वासन के बजाय कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है।”
द हिंदू कैनेडियन फ़ाउंडेशन (एचसीएफ) ने कहा है कि सभी कनाडाई हिंदू परिवार अत्यधिक तनाव में हैं और इस तरह की  घृणित अपराधों बढ़ती घटनाओं के कारण सामाजिक रूप से अलग-थलग महसूस कर रहे हैं।
बागची ने कल कहा,“आज हिंदू समुदाय हनुमान जयंती,यानी भगवान हनुमान जी का जन्म दिन मना रहा है। इस दिन परिवार के लोग सभी के कल्याण की प्रार्थना और पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते हैं। यह हिंदू समुदाय को उनकी आस्था का पालन करने से रोकने और साथ ही समुदाय को आतंकित करने का एक प्रयास है।”