यूक्रेन (Ukraine) में ईरानी ड्रोन Shahed-136 को मार गिराए जाने के बाद रूस और ईरान के बीच की जुगलबंदी अब दुनिया के सामने पूरी तरह से उजागर हो गई है। पश्चिमी जगत और अमेरिका इसको लेकर काफी गंभीर भी दिखाई दे रहा है। यूक्रेन ने यूरोपीयन यूनियन से यहां तक मांग कर डाली है कि ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। यूक्रेन का कहना है कि वो रूस की जंग में हथियार सप्लाई कर मदद कर रहा है। यूरोपीयन यूनियन यूक्रेन की मांग मान ले इस बात की काफी संभावना है। वहीं अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से अटकी परमाणु डील पर भी दोनों में जो गतिरोध बना हुआ है, उसका असर ईरान पर और प्रतिबंध लगाने में दिखाई दे सकता है।
रूस और ईरान की डील
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रोन के बाद अब ईरान ऐसे वेपन सिस्टम को डेवलप कर रहा है जिन्हें इजरायल, सऊदी अरब या फिर यूएई के खिलाफ प्रयोग किया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के साथ सैन्य सहयोग, रूस के लिए बेहद जरूरी हो गया है। ईरान वह देश है जिसने लंबे समय तक प्रतिबंधों का सामना किया है।आज वह इस स्थिति में है कि रूस को हथियार बनाने में मदद कर सके। उनकी मानें तो यह नया गठबंधन ईरान की मिलिट्री इंडस्ट्री को मदद देगा। यह मदद मीडिल ईस्ट के बदलाव के लिए कारगर साबित हो सकती है। कई विशेषज्ञ तो यहां तक मानते हैं कि ईरान, परमाणु कार्यक्रम के लिए रूस का समर्थन हासिल करेगा। इस डील के तहत ही वह रूस की मदद कर रहा है।
यूक्रेन को इजरायल का साथ
रूस की सेनाएं अगस्त के महीने से ही यूक्रेन में ईरान के ड्रोन का प्रयोग कर रही हैं। यूक्रेन, अमेरिका और यूके के अधिकारियों की तरफ से अलग-अलग मौकों पर यह बात कही गई है। पिछले दिनों जब कीव में हमले शुरू हुए तो एक बार फिर यह बात सामने आई कि यूक्रेन में ईरान का बना ड्रोन शाहिद-136 रूस की सेना का मददगार बना हुआ है। इस ड्रोन को सुसाइड ड्रोन भी कहते हैं। लेकिन इस ड्रोन का एक्सेस काफी सीमित है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि एक प्राइवेट फर्म यूक्रेन को ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें मुहैया करा रही है जिसमें रूस के सैनिकों की स्थिति के बारे में पता लग रहा है।
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यूक्रेन के साथ टेंशन
यूके के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि ये ड्रोन बहुत नीचे उड़ता है और ऐसे में किसी भी एयरक्राफ्ट के लिए इसे ढेर करना काफी आसान है। लेकिन साथ ही रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि रूस को इन ड्रोन की मदद से कई जगहों पर हमले करने में सफलता मिली हो। यूक्रेन और ईरान के बीच ड्रोन को लेकर राजनयिक तनाव बना हुआ है।
ईरान ने कीव में राजदूत को वापस बुला लिया और दूतावास में अधिकारियों की संख्या कम कर दी है। ईरान और रूस के अधिकारियों की तरफ से इस बात से इनकार कर दिया गया है कि रूसी सेना ने ईरान के ड्रोन का सहारा लिया है। छह अक्टूबर को यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इन दावों का मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा था कि लोगों ने उन्हें उड़ते हुए देखा है और यूक्रेन की मिलिट्री ने उन्हें ढेर कर दिया है।