श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है, यहां पर तेल, रासन, दवा से लेकर लगभग हर चीजों की दामों में भारी बढ़ोतरी हो गई है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। श्रीलंका को भारत लगातार मदद कर रहा है। तेल से खाद्य पदार्थों के साथ ही दवाओं को भेजकर भारत मदद कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार श्रीलंका को आर्थिक संकट के उबारने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। श्रीलंका की लंका में लगाई आग के पीछे सबसे बड़ा हाथ चीन का रहा है। चीन छोटे देशों को अपने कर्ज जाल में फंसा कर उनकी अर्थव्यवस्था की चांबी अपने हाथों में लेना चाहता है। श्रीलंका की अगर कोई सबसे ज्यादा मदद कर रहा है तो है भारत। यह बात हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी कह चुके हैं कि, पूरी दुनिया ने हमें अकेला छोड़ दिया सिर्फ भारत है जो लगातार हमारी मदद कर रहा है। अब पीएम मोदी की सरकार ने एक बार फिर से श्रीलंका को बड़ी मदद की है।
भारत ने श्रीलंका को उर्वरकों के आयात के लिए दी गई 5.5 करोड़ अमेरिकी डालर के कर्ज की अवधि बढ़ा दी है। श्रीलंका इस वक्त अपने अब तक के सबसे भयावह आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसके कारण देश में खाने के सामान की कमी का जोखिम पैदा हो गया है। श्रीलंका ने देश में गहराते आर्थिक संकट के बीच यूरिया खरीदने के लिए भारत से 5.5 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की अपील की थी। श्रीलंका की इसी अपील के मद्देनजर भारत ने उसे 5.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 425 करोड़ रुपये) की लाइन ऑफ क्रेडिट देने का फैसला किया है।
भारत ने इस क्रेडिट लाइन को श्रीलंका सरकार की अपील के जवाब में बढ़ाया है। इंडियन हाई कमीशन ने एक बयान में बताया कि, भारतीय निर्यात-आयात बैंक और श्रीलंका सरकार के बीच कोलंबो में (10 जून) एलओसी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे, कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा और भारत के हाई कमिश्नर गोपाल बागले मौजूद रहे. समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान श्रीलंका और भारत के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। एक्जिम बैंक के मुताबिक, श्रीलंका को यह ऋण यूरिया की खरीद के लिए दिया गया था।
एक प्रेस रिलीज मं एक्जिम बैंक ने कहा कि, इस समझौते के साथ बैंक ने भारत सरकार की ओर से श्रीलंका को 11 ऋण सुविधा प्रधान की है। जिसके तहत कुल मिलाकर अब तक 2.73 अरब डॉलर की ऋण सुविधा दी गई है। बैंक के अनुसार, श्रीलंका को ये ऋण सुविधाएं पेट्रोलियम उत्पादों की सप्लाई, रेलवे, रक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए दी गई हैं। समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान पीएम रनिल विक्रमसिंघे ने वक्त पर सहायता मुहैया कराने के लिए भारत सरकार का आभार जताया।