India और Britain के बीच होने वाले व्यापारिक समझौते पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि ब्रिटिश मीडिया ने यूके के पीएम ऋषि सुनक के हवाले से कहा है कि 9 और 10 सितंबर को भारत में होने वाले G-20 सम्मेलन में इस डील के साइन होने पर संशय है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत(India) के साथ एक त्वरित व्यापार समझौते से इनकार कर दिया है। अब माना जा रहा है कि इस डील का शायद अगले साल के चुनावों तक भी हो पाना असंभव हो गया है।
ब्रिटेन के पीएम सुनक को India के साथ इस डील की वजह से उनकी काफी आलोचनाओं भी हुई थी।ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार के अंदर कुछ मंत्री ने इस समझौते पर आपत्ति जताई थी।यही वजह है कि यूके ने इस समझौते से अपने पैर पीछे खींच लिए हैं।
अखबार द गार्डियन के मुताबिक ट्रेड डील में शामिल करीबी सूत्रों की मानें तो पीएम सुनक ने ‘अर्ली हार्वेस्ट’ के विचार को खारिज कर दिया है। इसके तहत व्हिस्की जैसी वस्तुओं पर टैरिफ को कम करना था। लेकिन यह डील प्रोफेशनल सर्विसेज जैसे जटिल विषयों को सुलझाने में असफल है।
मामले को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि दोनों देशों के बीच साल 2024 में चुनाव होने से पहले कोई समझौता होना मुश्किल है। हालांकि यूके सरकार में कुछ लोगों का अभी भी मानना है कि इसे इस साल के अंत में फाइनल किया जा सकता है।
समझौता अभी बहुत दूर
इस पूरी स्थिति का मतलब यही है कि भारत-ब्रिटेन(India-Britain) मुक्त व्यापार समझौता अभी भी दूर है। यूके के व्यापार मंत्री केमी बैडेनोच और पीएम ऋषि सुनक ने फैसला किया है कि वे उस रास्ते पर नहीं जाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने समय सीमा को समाप्त कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि भारत वस्तुओं पर एक प्रारंभिक समझौता करना चाहता है।
कई सालों से जारी है बातचीत
मामले में पिछले कई वर्षों से बातचीत चल रही है और निकट समाप्ति के करीब नहीं पहुंच रही है। पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन और उनकी उत्तराधिकारी लिज ट्रस दोनों ने पिछले साल दिवाली तक एक समझौते का वादा किया था, जो अक्टूबर में पड़ा था, लेकिन लगभग एक साल बाद उन लोगों के पास जो बातचीत के करीब हैं, उनका कहना है कि बड़े क्षेत्रों में असहमति बनी हुई है। भारत ब्रिटेन का 12 वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।
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