China के राष्ट्रपति शी जिन्पिंग ने G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का फैसला लिया है,उनके बदले चीन के प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व करेंगे। आखिर शी जिनपिंग क्यों भारत आने से कतरा रहे हैं? आखिर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी20 सम्मेलन के लिए भारत न आने का फैसला क्यों किया है? इस पर अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कई जानकारों की राय हैरत में डालने वाला है। स्पष्ट शब्दों में बात करें तो चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत के बढ़ते कद से बेहद परेशान है।
G-20 शिखर सम्मेलन का पिछले साल बाली में आयोजन किया गया था ,वहीं इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। मेजबान भारत इसके लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली है। लेकिन इस शिखर सम्मेलन में China के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हो रहे हैं। आखिर क्यों ये बड़ा राज है!
चीन(China) के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को आधिकारिक घोषणा करने हुए कहा कि G-20 शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग की जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग भारत जाएंगे। बता दें कि शी जिनपिंग जब से राष्ट्रपति बने हैं तब से ये दूसरा मौका है जब वो जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।
हालांकि पिछली बार कोविड-19 महामारी को लेकर तमाम तरह के प्रतिबंध थे। लेकिन इस बार G-20 शिखर सम्मेलन से अपने आपको दूर ऱखना कई जानकारों को खटक रहा है। जी20 से दूर रहकर कहीं जिनपिंग भारत को ये तो संदेश नहीं देना चाह रहे हैं कि चीन भारत को नजरअंदाज कर रहा है।
कई मसलों पर चीन की घेराबंदी
अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कई जानकारों का मानना है कि भारत में आयोजित जी20 से शी जिनपिंग का दूरी बनाना चीन की किसी चाल का हिस्सा है। कोरोना वायरस से लेकर साउथ चाइना सी और ताइवान समेत कई मसलों पर चीन घिर रहा है।
कई देशों के तरफ से होने वाली घेराबंदी से डरे शी जिनपिंग
वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग यह अच्छी तरह से जानते हैं मौजूदा वक्त में उनके देश से दुनिया के ज्यादातर देश खुश नहीं है। साथ ही एक विदेश मामले के जानकार का कहना है कि कहीं न कहीं वह कई देशों की तरफ से होने वाली घेराबंदी को लेकर भी डरे हुए हैं।
चीन हुआ बेनक़ाब
वहीं कश्मीर मामलों की जानकार भारत की वरिष्ठ पत्रकार आरती टिक्कू ने कहा कि उन्हें इस बात पर हैरानी नहीं है कि जिनपिंग ऐसा रवैया दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल के कुछ सालों में चीन दुनिया के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है।
साथ ही आरती टिक्कू ने कहा कि खुद को दूसरों से श्रेष्ठ मानना और विस्तारवाद नीति के अलावा चीन का घमंड जिनपिंग के फैसले को बताने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के बाद जारी हुए चीन के नए नक्शे का भी जिक्र किया।
भारत के साथ फिलहाल अच्छे संबंध नहीं
G-20 शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहे हैं जब भारत और चीन के बीच टेंशन चरम पर है। 2020 में गलवान की घटना के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी। साथ ही चीन का वह नक्शा जिसमें उसने भारत के अरुणाचल प्रदेश को भी चीन अपना बताने का दावा किया है। क्योंकि चीन इसे दक्षिण तिब्बत कहता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग डर रहे हैं कि कही शिखर सम्मेलन में इन सब बातों को लेकर उनकी घेराबंदी ना हो जाए।
चीन का दोहरा चरित्र
वहीं वरिष्ठ पत्रकार आरती टिक्कू के मुताबिक चीन को घमंड है कि वो दुनिया का सर्वश्रेष्ठ है। एक तरफ वो ताइवान को लेकर दुनिया को धमकाता है,तो वहीं जम्मू कश्मीर को लेकर भाषण को ज्ञान देता है।चीन को यह बात जरा भी पसंद नहीं आई कि जी20 का एक कार्यक्रम जम्मू कश्मीर में भी आयोजित हुआ था। कहीं न कहीं चीन को इस बात से भी परेशानी है।
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