रूस और यूक्रेन जंग को लेकर दुनिया दो गुटों में बंटी हुई है। कोई रूस के साथ है तो कोई पश्चिमी देशों का साथ दे रहा है। पश्चिमी देशों का कहना है कि जो भी देश रूस का साथ दिया उसे बुरा अंजाम भुगतना होगा। इसपर भारत का रूख दुनिया के लिए काफी ज्यादा मायने रखता है। क्योंकि, रूस के साथ भारत के संबंध बहुत ही गहरे हैं। भारत ने तो यूक्रेन के साथ है और न ही रूस के खिलाफ। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने यूरोप तीन दिवसीय दौरे पर हैं। ऐसे में पूरी दुनिया देखना चाहती है कि रूस और यूक्रेन को लेकर वो क्या बयान देते हैं। क्योंकि, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क तीनों ही नाटो के हिस्सा हैं। इस जंग को लेकर भारत का रूख साफ कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का कोई विजेता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालने में यकीन रखता है। जर्मन चांसलर ओलफ स्कोल्ज के साथ बातचीत के बाद पीएम मोदी ने कहा- हमने यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर चर्चा की। यूक्रेन में हो रहे टकराव में कोई विजेता नहीं होगा। हम शांति के पक्ष में हैं और युद्ध खत्म करने की अपील करते हैं।
बता दें कि, इससे पहले विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का पक्ष रखते हुए कहा था कि दोनों देशों को क्षत्रुता खत्म कर बातचीत और कूटनीति के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि, यूक्रेन को लेकर जहां तक भारत का सवाल है तो भारत का रूख बिलकुल साफ है। हम शुरू से कह रहे हैं कि दोनों देशों को दुश्मनी खत्म कर बातचीत और कूटनीति के जरिए बातचीत की टेबल पर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के वैश्विक सहयोगियों को भी रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की राय पता है और उन्होंने भारत के पक्ष की तारीफ भी की है।