अफगानिस्तान में जब तालिबान ने कब्जा दिया तो यहां से भारत ने अपने नागरिकों को वापस मुल्क बुला लिया। जो नागरिक नहीं आ पाए उन्हें एयरलिफ्ट कर मुल्क वापस लाया गाय। इसी दौरान तालिबान राज के बाद भरात सहति अनेक देशों ने अपने दूतावास बंद कर दिए थे। लेकिन, अब भारत ने एक बार फिर से काबुल में अपना दूतावास खोल दिया है। भारतीय दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी आईटीबीपी कमांडो को दिया गया है। हिमवीर कमांडो, वहां पर दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। सुरक्षा के अलावा आईटीबीपी कमांडो, आपदा से राहत कार्यों में भी अपना योगदान दे रेह हैं।
दरअसल, हाल ही में अफगानिस्तान में भूकंप आया था जिसके में भारी नुकसान हुआ। ऐसे में केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में भारतीय तकनीकी दल, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंच गया है। ये दल मानवीय सहायता की प्रभावी ढंग से आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। केंद्र सरकार के सूत्रों की माने तो, दो दशकों से अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास एवं कई अन्य वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा की जिम्मेदारी, आईटीबीपी कमांडो ही संभालते रहे हैं।
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अफगानिस्तान में दो दशक के दौरान, भारतीय प्रतिष्ठानों पर हुए कई हमलों को आईटीबीपी के कमांडो ने नाकाम किया है। ये कमांडो अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। हाल ही में जो भारतीय दल काबुल पहुंचा है, उसमें पचास के ज्यादा कमांडो शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने इस दल को लेकर कहा था, मानवीय सहायता की प्रभावी ढंग से आपूर्ति करने एवं अफगानिस्तान के लोगों के साथ जारी संपर्कों की करीबी निगरानी एवं समन्वय के प्रयासों के मद्देनजर एक भारतीय तकनीकी दल काबुल पहुंचा है। ये दल भारतीय दूतावास में तैनात किया गया है। इस दल के काबुल पहुंचते ही अब वहां पर कई तरह की दूतावास गतिविधियां शुरू होने की उम्मीद हैं।
बता दें कि, भारत के दूतावास खोलने के फैसले का तालिबान ने स्वागत किया था। अफगान में तालिबानी सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी ने ट्वीट कर लिखा कि, 'इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान (आईईए), अफगान लोगों के साथ अपने संबंधों और उनकी मानवीय सहायता को जारी रखने के लिए काबुल में अपने दूतावास में राजनयिकों एवं तकनीकी टीम को वापस लाने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत करता है। आईईए यह आश्वासन देता है कि दूतावास परिसरों को अंतरराष्ट्रीय राजनयिक प्रथाओं के अनुरूप सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। जिन क्षेत्रों में भारत की सहायता परियोजनाएं चल रही हैं, राजनयिक टीम को उन इलाकों का दौरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।