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Quad में भारत के बढ़ते कदम से चीन-पाकिस्तान में अफरा तफरी- अमेरिका ने कहा India का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे

Quad में भारत के बढ़ते कदम से चीन-पाकिस्तान में अफरा तफरी

क्वाड (Quad) में भारत के बढ़ते कदम से चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है। जब भी क्वाड देशों की मीटिंग होती है दोनों देश आंख गड़ाए बैठे होते हैं। क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक संगठन है। जिसमें कई विश्व मुद्दों के साथ चीन की हरतकों पर लगाम लगाने के लिए इस मीटिंग का आयोजन किया जाता है। अब अमेरिका ने भारत की तारीफ करते हुए कहा है भारत क्वाड को प्रेरणा देने वाली शक्ति और क्षेत्रीय विकास का इंजन है। इसके साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा है कि, वो हमेशा भारत के साथ मिलकर काम करते रहेगा।

अमेरिका का ये बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही क्वाड देश के विदेश मंत्रियों ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में बैठक की थी। मेलबर्न शिखर सम्मेलन के दौरान, देशों के विदेश मंत्रियों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की अस्थिर भूमिका और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण पर चर्चा की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर चर्चा का हिस्सा थे। व्हाइट हाउस की प्रिंसिपल डिप्टी प्रेस सचिव काराइन जीन पियरे ने वॉशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, हम मानते हैं कि भारत दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में एक समान विचारधारा वाला भागीदार और नेता है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में एक्टिव और हमसे जुड़ा हुआ है। भारत क्वाड की प्रेरक शक्ति और क्षेत्रीय विकास के लिए एक इंजन है।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, क्वाड ने यूक्रेन पर मंडरा रहे रूसी खतरे पर चर्चा करने का अवसर दिया। विदेश मंत्रियों ने इस खतरे पर चर्चा की कि रूस की आक्रामकता न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित आदेश के लिए है, जिसने इस क्षेत्र और दुनियाभर के लिए दशकों की साझा सुरक्षा और समृद्धि की नींव प्रदान की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, क्वाड भागीदारों के साथ बैठकों के दौरान ब्लिंकन ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए रूस द्वारा पैदा की जा रही चुनौतियों और यूरोपीय सहयोगियों का समर्थन करने की हमारी तत्परता पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि, अमेरिका एक रणनीतिक साझेदारी बनान जारी रखेगा, जिसमें अमेरिका और दक्षिण एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने का कम करेंगे। स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, साइबर स्पेस जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए दोनों देश साथ आएंगे और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए मिलकर काम करेंगे।