अंतर्राष्ट्रीय

चीन के शिकंजे निकलने को तड़प रहा है मंगोलिया, भारत के साथ रक्षा सहयोग

भारत-मंगोलिया संयुक्त कार्य समूह की 11वीं बैठक में दोनों पक्षों ने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की प्रगति की समीक्षा की, सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों को और बढ़ाने के लिए उपायों की पहचान की और इस सम्बन्ध में स्पष्ट कदम उठाए। बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी से जुडी बाधाओं के बावजूद दोनों देशों के बीच चल रहे रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

भारत ने 1955 में मंगोलिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। उलानबटार में भारतीय रेजिडेंट मिशन 1971 में खोला गया था। इस संबंध को 2015 में रणनीतिक साझेदारी में अपग्रेड किया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगोलिया का दौरा किया था और मंगोलिया को ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का एक आवश्यक घटक घोषित किया था।

भारत की ओर से इस बैठक में रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. अजय कुमार और मंगोलिया की ओर से ब्रिगेडियर जनरल गनखुयाग दावगदोर्ज शामिल हुए। ब्रिगेडियर जनरल गनखुयाग दावगदोर्ज मंगोलियाई रक्षा मंत्रालय के राज्य सचिव हैं। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों की सह-अध्यक्षता में, संयुक्त कार्य समूह महामारी के बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप से मिले हैं। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों को स्वीकार किया।

इसके अलावा शुक्रवार को भारतीय तकनीक से बने मिसाइल से लैस एक जहाज को भारतीय बेड़े का हिस्सा बनाया गया है। गोला बारूद,टॉरपीडो व मिसाइल (एसीटीसीएम) बार्ज नौका यार्ड 125 (एलएसएएम 15) का एडब्ल्यूपीएस (एमबीआई) शुभारंभ किया गया है। स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त सभी प्रमुख एवं सहायक उपकरणों व प्रणालियों के साथ यह छोटा जहाज रक्षा मंत्रालय की मेक इन इंडिया पहल का गौरवशाली युद्ध सहायक पोत है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 11 एसीटीसीएम छोटे जहाजों का निर्माण अनुबंध ठाणे के एक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप संपन्न हुआ। इस नौका को 30 साल की सेवा अवधि के लक्ष्य के साथ बनाया जा रहा है। एसीटीसीएम नौकाओं की उपलब्धता भारतीय नौसेना के बड़े युद्धपोतों के लिए जेट्टी तथा बाहरी बंदरगाहों पर परिवहन, जहाज पर चढ़ाने और उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति प्रदान करेगी।

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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