Hindi News

indianarrative

रूस से बचने के लिए भारतीयों को ढाल बना रहा यूक्रेन? देखें मोदी सरकार का ये बड़ा अपडेट

Courtesy Google

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अभी भी चल रहा है। इस बीच भारत सरकार लगातार 'ऑपरेशन गंगा' के तहत भारतीयों को सुरक्षित निकाल रही है। खारकीव में जारी हमलों के बीच रूस ने बड़ा दावा किया है। इस दावे को लेकर हड़कंप मच गया है। दरअसल, भारत में रूसी दूतावास ने दावा किया है कि यूक्रेनी सुरक्षा बल भारतीय छात्रों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बंधक बना रहे है। रूस की एंबेसी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस बात की जानकारी दी गई है।

यह भी पढ़ें- भारत ने अपने नागरिकों से कहा तुरंत खाली कर दें खारकीव, रूस करने वाला है पर…

बताया गया है कि यूक्रेनी अधिकारियों ने भारतीय छात्रों के एक बड़े समूह को जबरन खारकीव में रखा हुआ है, जो यूक्रेनी क्षेत्र को छोड़कर बेलगोरोड जाना चाहते हैं। लेकिन यूक्रेनी सेना इन छात्रों को मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।

यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने की खबरों के संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'यूक्रेन में हमारा दूतावास भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है। ध्यान दें कि यूक्रेनी अधिकारियों के सहयोग से कई छात्र कल खारकीव छोड़ चुके हैं। हमें किसी भी छात्र के संबंध में किसी भी बंधक की स्थिति की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। हमने खारकीव और पड़ोसी क्षेत्रों से छात्रों को देश के पश्चिमी भाग में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों से अनुरोध किया है।'

यह भी पढ़ें- Vastu Tips: छोटी सी इलायची भिखारी को भी बना देती है राजा, इन उपायों को कर बन जाओगे लखपति

अरिंदम बागची ने आगे कहा, 'हम रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्दोवा सहित इस क्षेत्र के देशों के साथ प्रभावी ढंग से समन्वय कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को निकाला गया है। हम इसे संभव बनाने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा दी गई सहायता की सराहना करते हैं। हम यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों को भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस भेजने में मदद करने के लिए धन्यवाद देते हैं।' आपको बता दें कि  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। जिसमें यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की है। इस दौरान विशेष रूप से खारकीव में और युद्ध क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा हुई है।