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PM Modi के इस फैसले पर America को भारत ने दिया करारा जवाब, UN में कहा- कोरोना टीका नहीं है हमारा अनाज, पहले हम अपने लोगों को…

अमीर देशों को भारत ने UN में लगाई लताड़ा

भारत ने अनाज की जमाखोरी और वितरण में भेदभाव पर चिंता जताते हुए अमीर देशों को लताड़ लगाई है। दरअसल, भारत ने गेंहू के निर्यात पर बैन लगा दिया है जिसके बाद से दुनिया में गेंहू की कीमतों में इजाफा होने लगा है। इसपर पश्चिमी देशों ने कहा था कि, भारत सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे। इसपर भारत ने जमकर सुनाई है। दुनिया के अमीर देशों को आईना दिखाते हुए भारत ने कहा है कि, अनाज का वितरण कोविड टीकों की तरह नहीं होना चाहिए। भारत ने कहा कि, अमीर देशों ने बड़ी संख्या में टीके स्टोर कर लिए थे, जबकि गरीब देशों की इन तक पहुंच ही नहीं थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि, गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के उसके फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि वह जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकता है।

विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा,  कम आय वाले विभिन्न वर्ग आज अनाज की बढ़ती कीमतों और उनकी पहुंच तक मुश्किल की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यहां तक कि पर्याप्त भंडार वाले भारत जैसे देशों ने खाद्यान्न में अनुचित वृद्धि देखी है। यह साफ है कि जमाखोरी की जा रही है। हम इसे ऐसे ही चलने नहीं दे सकते। उन्होंने, ग्लेबल फूड सिक्योरिटी कॉल टू एक्शन पर मंत्री स्तरीय बैठक में कहा कि, हमारी अपनी खाद्य सुरक्षा से निपटने तथा पड़ोसी और अन्य कमजोर विकासशील देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, हमने 13 मई 2022 को गेहूं के निर्यात के संबंध में कुछ उपायों की घोषणा की।

बता दें कि, भीषण लू चलने के कारण भारत में गेंहू के उत्पादन में बड़ी कमी आई है जिसके चलती अभी से ही कीमतों में इजाफा होने लगा है। इसलिए संकट से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाने का फैसला किया ताकि घरेलू स्तर पर संकट पैदा होने से बचा जा सके। मुरलीधरन ने कहा कि भारत सरकार गेहूं की वैश्विक कीमतों में अचानक आई वृद्धि को स्वीकार करती है, जिससे हमारी और हमारे पड़ोसियों तथा अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इसके साथ ही भारत ने पश्चिमी देशों से आह्वान किया और उन्हें आगाह किया कि,अनाज का मुद्दा कोविड-19 वैक्सीन की तरह नहीं होना चाहिए। अमीर देशों ने भारी संख्या में कोविड रोधी टीके खरीद लिए, जिसकी वजह से गरीब तथा कम विकाससील देश अपनी आबादी को पहली खुराक भी देने में असमर्थ रहे।

इसक साथ ही मुरलीधनर ने कहा कि, हमने हजारों मीट्रिक टन गेहूं, आटा और दालों के रूप में हमारे पड़ोसियों और अफ्रीका समेत कई देशों को खाद्य मदद दी है ताकि उनकी खाद्य सुरक्षा मजबूत की जा सके। उन्होंने आगे बताया कि, अफगानिस्तान में बिगड़ते मानवीय हालात के मद्देनजर भारत ने उसके लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं दान कर रहा है। हम श्रीलंका को भी मुश्किल दौर में खाद्य सहायता समेत औऱ मदद दे रहे हैं।