अंतर्राष्ट्रीय

India करेगा नेपाल में चीन की चाल फेल,ड्रैगन पर भारत का तगड़ा हमला!

India ने नेपाल में चीन की चाल को तगड़ा झटका दे दिया है। भारत ने चीन की चाल को धराशायी करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए भारत ने नेपाल के प्रचंड सरकार से सबूत मांगे हैं। भारत ने नेपाल से सबूत मांगा है कि उसके पॉवर प्रोजेक्ट को चीन ने तो नहीं बनाया है। अगर ऐसा होगा तो भारत सबूत मांगा है कि उसके पॉवर प्रोजेक्ट को चीन ने तो नहीं बनाया है। अगर ऐसा होगा तो भारत ने साफ कर दिया है कि वह चीन की बनाई गई बिजली को नहीं खरीदेगा।

चीन की चाल को तगड़ा झटका

नेपाल को कंगाल बनाने की कोशिशों में लगे चीन को भारत ने बड़ा झटका दिया है। भारत ने नेपाल के साथ 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने के लिए समझौता किया है,लेकिन एक शर्त रखा है कि उस प्रोजेक्ट को जिससे विजली उत्पादन हो रहा है उसे चीन ने तो नहीं बनाया है। अगर उस प्रोजेक्ट को चीन बनाया है को फिर भारत नेपाल से बिजली नहीं खरीदेगा। भारत ने साफ कर दिया है कि वह नेपाल की बनाई हुई बिजली तो लेगा लेकिन चीन की नहीं

चीन की चाल में नेपाल ठीक उसी तरह फंसता जा रहा है जिस तरह पाकिस्तान और श्रीलंका उसकी चाल में फंस गया और आज बर्बादी के कगार पर आ गया। नेपाल को बेल्‍ट एंड रोड परियोजना में फंसाकर श्रीलंका और पाकिस्‍तान की तरह कंगाल बनाने की कोशिशों में लगे चीन को भारत ने बड़ा झटका दिया है। भारत ने नेपाल के साथ 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने के लिए समझौता किया है। पिछले दिनों नेपाली प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान बिजली को लेकर समझौता भी हुआ था। अब भारत ने साफ कर दिया है कि वह नेपाल की बनाई हुई बिजली तो लेगा लेकिन अगर उस प्रॉजेक्‍ट को चीन ने बनाया होगा या उसका पैसा लगा होगा तो वह इसे नहीं लेगा।

भारत ने नेपाल से मांगे सबूत

यही नहीं भारत ने नेपाल से निर्यात की जाने वाली बिजली उत्‍पादन के सबूत मांगे हैं। भारत ने नेपाल से खरीदी जाने वाली बिजली की जांच शुरू कर दी है। भारत ने चीन के बनाए हाइड्रो प्रॉजेक्‍ट से बिजली खरीदने से साफ इंकार कर दिया है।

चीन को लेकर नेपाल को भारत का सख्‍त संदेश

नेपाल बिजली प्राधिकरण के निदेशक प्रबल अधिकारी ने काठमांडू पोस्‍ट अखबार से कहा, ‘अब भारत ने फाइनेंशियल क्‍लोजर की डिटेल मांगी है।’ प्रबल ने कहा, ‘इसमें पूछा गया है कि किस तरह से प्रॉजेक्‍ट को फाइनेंस किया गया है। किस संस्‍था और अन्‍य एजेंसियों को प्रॉजेक्‍ट में शामिल किया गया है। हमने पूरी डिटेल भारत को भेज दी है।’ नेपाल अभी भारत को 452 मेगावाट बिजली बेचता है। नेपाल अब 18 और हाइड्रोपावर प्रॉजेक्‍ट से बिजली करना चाहता है। इनकी कुल क्षमता 1 हजार मेगावाट है।

भारत को खुश करने में जुटे नेपाली पीएम प्रचंड

नेपाली अधिकारियों के मुताबिक भारत अब प्रोजेक्ट का डिटेल मांग रहा है ताकि वो जान सके की इस प्रोजेक्ट में किसका पैसा लगा है। अगर भारत को पता चलता है कि इस प्रोजेक्ट में चीन का निवेश है तो भारत नेपाल के साथ अपना करार तोड़ भी सकता है। भारत ने नेपाल को साफ कर दिया है कि वह चीन की सीधी या अप्रत्‍यक्ष रूप से बनाई गई बिजली को नहीं खरीदेगा।

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आईएन ब्यूरो

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