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ड्रैगन को झटका! चीन-पाकिस्‍तान की ना’पाक’ चाल पर फिर पानी, भारत ने कर दिया खेल

भारत ने चीन-पाकिस्‍तान को दिखाया आईना

चीन और पाकिस्‍तान (China-Pakistan) भले ही जितनी मर्जी साजिश क्यों नहीं रच ले लेकिन वो अक्सर फेल हो जाते हैं, जिसके बाद उनके पास सामने वाला का मुंह देखने के अलावा कुछ नहीं बचता है। दरअसल, चीन-पाक एक ऐसी साजिश में व्‍यस्‍त थे, जिसे भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयासों से फेल कर दिया। बाकू में एक मंत्री स्‍तरीय मीटिंग में दोनों देशों ने बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) और चीन पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) तक ले जाने का मन बनाया था। नैम में बड़ी ही चालाकी से पाकिस्‍तान ने बीआरआई और सीपीईसी को शामिल करने वाली चाल खेली थी। लेकिन अपनी चतुर कूटनीति से भारत ने उसे फेल कर दिया।यही नहीं नहीं कश्‍मीर पर भी भारत ने पाकिस्‍तान को जमकर धोया है।

पाकिस्‍तान के कंधे पर बंदूक

भारत ने दक्षिण चीन सागर विवादों के संदर्भ में चीन के इशारे पर पाकिस्तान को कोशिशों को नाकाम कर दिया है। ऐसे दक्षिण पूर्व एशियाई देश जो नैम में भी शामिल हैं और दक्षिण चीन सागर में हिस्‍सेदार हैं, उन्‍होंने पाकिस्तान की योजनाओं को फेल करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम किया है। नैम डॉक्‍यूमेंट्स के मुताबिक कई दक्षिण एशियाई देश इस बात से नाराज हैं कि पाकिस्‍तान की तरफ से यह पहल की गई है जिसकी इस हिस्‍से में जरा भी भूमिका नहीं है।

अब अजरबैजान हुआ खिलाफ

पाकिस्तान का करीबी सहयोगी अजरबैजान इस समय नैम का अध्‍यक्ष है। जनवरी 2024 के अंत में युगांडा के कंपाला में नैम का एक शिखर सम्‍मेलन होना है। इस सम्‍मेलन के बाद नैम की अध्‍यक्षता युगांडा को सौंप दी जाएगी। युगांडा वह देश है जो अफ्रीका में भारत का सहयोगी है। जानकारी के मुताबिक नैम के डॉक्‍यूमेंट्स में पाकिस्‍तान ने काफी कोशिशें की कि बीआरआई और सीपीईसी का जिक्र हो।

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कश्‍मीर मामले पर धोया

भारत हमेशा से सीपीईसी का विरोध करता आया है क्‍योंकि यह पीओके से होकर गुजरता है। भारत का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है। बीआरआई पर भारत की आपत्तियां एससीओ दस्तावेजों में भी दर्ज हैं। भारत मानता है कि बीआरआई ने पाकिस्‍तान के अलावा कई देशों को कर्ज संकट की तरफ धकेल दिया है। लेकिन बाकू में सिर्फ बीआरआई, सीपीईसी या फिर दक्षिण चीन सागर का मसला ही नहीं था।