दुनिया में भारत बड़ा मददगार देश बनकर उभरा है। अफगानिस्तान से लेकर श्रीलंका तक को भारत मदद कर रहा है। अफगानिस्तान में गेहूं, दवाएं, वैक्सीन के साथ ही कई अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति कराया तो उधर भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में तेल, दवाएं, खाने के सामन के साथ ही अन्य जरूरी सामानों को भेज कर मदद कर रहा है। इस साथ ही आर्थिक रूप से भी मदद कर रहा है। इन देशों के अलावा कई और छोटे देशों की भारत लगातार मदद कर रहा है। अब भूटान में कोरोना काल के बाद और यूक्रेन रूस जंग के चलते अनाज संकट पैदा हो गया। जिसके बाद भारत मदद करने के लिए आगे आया है। वो भी ऐसे समय में जब भारत ने खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए गेहूं और चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। भारत ने भूटान को को 5000 मीट्रिक टन गेहूं और 10,000 मीट्रिक टन चीनी के निर्यात की घोषणा की है।
थिम्पू में भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर जानकारी दी है कि, भारत ने भूटान को 5000 मीट्रिक टन गेहूं और 10,000 मीट्रिक टन चीनी का निर्यात करेगा। इससे पहले भारत ने अपनी खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए गेहूं और चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। भूटान ने भारत से इसके लिए आग्रह किया था। जिसके बाद भारत सरकार ने इस पर सहमति जताई और गेहूं और चीनी भेजने का फैसला किया। हाल ही में खाद्य संकट को देखते हुए भारत ने इन दोनों चीजों के निर्यात पर बैन लगा दिया था। हालांकि, बैन के बाद भी अनाज संकट को देखते हुए भारत ने कई देशों के गेहूं निर्यात किया।
इससे पहले भी भूटान को भारत सरकार खई रियायतें दे चुका है। खान पान के लिहास से भूटान पारी तरह भारत पर निर्भर है। पिछले साल भूटान ने भारत से 30.35 मिलियन डॉलर का अनाज खरीदा था। भूटान खास तौर पर भारत से गेहूं, चावल और चीनी खरीदता है। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी भारत ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान सहित करीब एक दर्जन देशों को 18 लाख टन खाद्यान्न का निर्यात किया है। केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने पिछले महीने इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि 50,000 टन निर्यात की प्रतिबद्धता के तहत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में लगभग 33,000 टन गेहूं की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, 18 लाख टन गेहूं का निर्यात अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, इजराइल, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, ओमान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, सूडान, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, यूएई, वियतनाम और यमन सहित विभिन्न देशों को किया गया।