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अब इन दो देशों के बीच जंग रोकना मुश्किल! सीमा पर तैनात हुए 90 हजार सैनिक

अब इन दो देशों के बीच जंग रोकना मुश्किल!

इस वक्त दुनिया के कई देशों के बीच हालात ठीक नहीं नजर आ रहा हैं। आलम युद्ध तक की आ गई है, एक तो चीन और ताइवान ही हैं। अफगानिस्तान पर पहले ही तालिबान कब्जा कर लिया है और अब रूस और युक्रेन आमने सामने हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से सीमा पर तनाव जारी है और दोनों मुल्कों ने बड़ी संख्या में बार्डर पर सेनाएं तैनात कर रखी है।

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संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप राजदूत दिमित्री पोलांस्की ने कहा है कि, रूस तब तक यूर्केन पर हमला नहीं करेगा, जब तक कि उसे ऐसा करने के लिए पड़ोसी या किसी और द्वारा उकसाया नहीं जाता है। इसके साथ ही रूस ने यूक्रेन से कई खतरों और काला सागर में अमेरिकी युद्धपोतों की उकसावे वाली कार्रवाई का हवाला दिया है। पोलांस्की ने यूक्रेन से लगती रूस की सीमा पर सैनिकों की तैनाती के सवाल के जवाब में यह बात कही। तैनाती से रूस पर अमेरिकी दबाव बढ़ गया है औऱ बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से यूक्रेन के विदेश मंत्री को आश्वासन दिया गया था कि यूक्रेन की सुरक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है।

पोलांस्की से पूछा गया था कि क्या रूस, यूक्रेन पर हमला करने की योजना बना रहा है जिसपर उन्होंने कहा कि, ऐसी कोई योजना नहीं हैं, ना ही कभी थी और जब कि हमें यूक्रेन या किसी और द्वारा ऐसा करने के लिए उकसाया नहीं जाता, हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे। यो फिर जब तक रूस की राष्ट्रीय संप्रभुता को कई खतरा ना हो।

रूसी राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र मुख्याल में कहा कि, यूक्रेन की ओर से कई खतरे पेश किए जा रहे हैं और यह भी याद रखें कि काला सागर के आसपास अमेरिकी यूद्धपोत बहुत करीबी से काम कर रहे हैं। इसलिए काला सागर में हर दिन सीधे टकराव को टालना काफी मुश्किल है। हमने अपने अमेरिकी सहकर्मियों को आगाह किया है कि यह सीधे तौर पर उकसावे पूर्ण कार्रवाई है।

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बताते चलें कि, रूस ने यूक्रेन के पूर्व में एक अलगाववागी विद्रोह को समर्थन दिया है। 2014 में रूस के यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जे के बाद ही ये अलगावादी आंदोलन भड़क उठा और 14,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। वहीं, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा कि लगभग 90,000 रूसी सैनिक सीमा से दूर और यूक्रेन के पूर्व में विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में तैनात हैं।