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Afghanistan कुख्यात आतंकी असलम फारूखी मारा गया! अपने ही पियादों को निपटाने में जुटी Pak खुफिया एजेंसी ISI

मारा गया कुख्यात आतंकी असलम फारूकी अपने ही पियादों को निपटाने में लगी ISI

फैज हामिद रहें या नदीम अजुंम आईएसआई के हथकण्डे कभी नहीं बदलेंगे। अफगानिस्तान में आईएसआई अपने उन पियादों को एक-एक कर कत्ल करती जा रही है जो पाकिस्तानी आर्मी की करतूतों को दुनिया के सामने ला सकते हैं। यानी आईएसआई उन सभी पियादों को अल्ला मियां के पास पहुंचा रही है जो उसके लिए खतरा बन सकते हैं।

आईएसआई के ऐसे ही पियादे का नाम है असलमफारूकी। ऐसा कहा जाता है कि अफगानिस्तान में तालिबान की शक्ल में घूम रहे आईएसआई के एजेंटों ने असलम फारूकी की हत्या कर दी है। असलम फारूकी को आईएसआई ने ही खड़ा किया था। अफगानिस्तान में तत्कालीन अमेरिकी फोर्सेस ने असलम फारूकी को गिरफ्तार किया था। असलम फारूकी के पास से पाकिस्तानी आईडी और दस्तावेज बरामद हुए थे। असलम फारूकी ने मार्च 2020 में काबुल के गुरुदारे पर हमला किया था। असलम फारूकी के मौत की पुष्टि स्‍थानीय लोगों और आतंकी के परिवार के सदस्‍यों ने कर दी है।

बताया जा रहा है आईएसआई के एजेंटों के साथ हुई गोलीबारी में असलम फारूकी मारा गया। यह गोलीबारी उत्‍तरी अफगानिस्‍तान में हुई है। अलसम फारूकी पाकिस्‍तान के हिंसा प्रभावित ओराकजई इलाके का रहने वाला था। उसका शव मंगलवार को उसके गृह नगर पहुंच जाएगा। फारूकी की जगह पर अबू उमर खुरासानी आईएस के का सरगना बन गया है।

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ऐसा बताया जा रहा है कि असलम फारूकी की मौत आपसी संघर्ष में हुई है। इससे पहले टीटीपी के प्रवक्‍ता खालिद बाल्‍टी की हत्‍या कर दी गई थी। वह भी पाकिस्‍तान का रहने वाला था। असलम फारूकी काबुल में एक सिख गुरुद्वारे और एक अस्पताल में हुए नरसंहार सहित कई हमलों का मास्टरमाइंड था। काबुल गुरुद्वारे हमले की जिम्मेदारी लेते हुए असलम फारूकी ने कश्मीर के मुसलमानों के लिए बदला लेने का हवाला दिया था। इसमें एक भारतीय नागरिक सहित कई अफगान सिख मारे गए थे।

अफगान सुरक्षा बलों की हिरासत में रहते हुए असलम फारूकी ने आईएसआई के साथ अपने संबंधों को कबूल किया था। लिहाजा, पाकिस्तान उसके प्रत्यर्पण के लिए बेताब था। इसे तत्कालीन अफगान सरकार ने मना कर दिया था। तालिबान का दावा था कि आईएसकेपी उसका कट्टर दुश्मन है, लेकिन दिलचस्प बात यह थी कि तालिबान ने असलम फारूकी को बगराम जेल से रिहा कर दिया।असलम फारूकी पाकिस्तानी आतंकी समूहों लश्कर-ए-झांगवी (LEJ), लश्कर-ए-तैयबा (LET), और फिर तहरीक-ए-तालिबान (TTP) आतंकी गिरोहों में भी शामिल रहा था।