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जंग के बीच Joe Biden का बड़ा बयान, बोले- मैंने Zelensky को बहुत समझाया लेकिन वो एक नहीं सुने- अब तो रूस पूरी तरह…. ही लेगा सांस

जो बाइडन ने कहा जंग से पहले यूक्रेन हमारी बात मान लेता तो आज ये हाल नहीं होता

रूस और यूक्रेन की बीच जंग को आज 108 दिन हो गया और इतने दिनों में पुतिन की आर्मी ने यूक्रेन को जो गहरा जख्म दिया है उसे भरने में कई वर्ष लग जाएंगे। अगर यूक्रेन नाटो की रट नहीं लगाया होता और डोनबास में कत्लेआम नहीं मचाया होता तो ये नौबत कभी आती ही नहीं। यूक्रेन आज जो दुनिया के सामने मासूम बना फिर रहा है उसने डोनबास में जमकर कत्लेआम मचाया। कम से कम 15 हजार लोगों की जान ले ली। लेकिन, ये बात कोई नहीं करता। रूस लगातार यूक्रेन को समझाता रहा लेकिन, वो अचानक नाटो में शामिल होने की बात करने लगा। जिसके बाद रूस ने चेतावनी दी कि अगर उसने ये कदम उठाया तो मजबूरन उसे भी जंग छोड़नी होगी और हुआ भी यही। अब तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, जंग से पहले हमने यूक्रेन को बहुत समझाया लेकिन वो हमारी बात नहीं माना।

जेलेंस्की ने अमेरिका की एक न सुनी 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि रूसी आक्रमण के संबंध में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की जानकारी को यूक्रेन नहीं लेना चाहता था। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की रूस के हमले से पहले यह सुनना नहीं चाहते थे कि मास्को आक्रमण करने की तैयारी कर रहा था। जो बाइडन ने कहा कि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ऐसा कुछ नहीं हुआ था। मुझे पता है कि बहुत से लोगों ने सोचा कि मैं शायद अतिशयोक्ति कर रहा था। लेकिन मुझे पता था कि हमारे पास यह कहने के लिए डेटा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सीमा से बाहर जाने वाले थे।

अमेरिकी खुफिया विभाग ने बार-बार यूक्रेन को चेताया

जो बाइडन ने कहा कि, 24 फरवरी को मास्को हमले से पहले पश्चिमी देशों ने बार-बार यूक्रेन सीमा के पास सैन्य निर्माण के बारे में चिंता व्यक्त की थी। पुतिन से तनाव कम करने का आग्रह किया गया। लेकिन उन्होंने एक शॉकिंग आक्रमण शुरू किया, जिससे दुनियाभर को झटका लगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पुतिन यूक्रेन की राजधानी कीव को सबसे महत्वपूर्ण समझते हैं। बता दें कि, इस वक्त यूक्रेन की हालत बुरी हो चुकी है। उसके पास गोला-बारूद खत्म हो चुका है। रूस की फौज के आगे यूक्रेनी सैनिक हार मान रहे हैं लेकिन, जेलेंस्की अब भी अकड़ में हैं कि पश्चिमी देशों की मदद से वो जंग जीत लेंगे।

यूक्रेन के पास खत्म हुआ गोला-बारूद

बता दें कि, जंग के बीच यूक्रेन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, हमारे पास गोला-बारूद लगभग खत्म हो चुका है। ये बयान यूक्रेन के सैन्य खुफिया विभाग के डिप्टी हेड की ओर से दिया गया है। उन्होंने कहा कि, हम फ्रंटलाइन पर रूस के खिलाफ पिछड़ रहे हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, अब हम पश्चिमी देशों के हथियार पर निर्भर हैं। रूसी आर्टिलरी सिस्टम से यूक्रेन की हालत खराब है। अमेरिकी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर ने चिंता जताई है। इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर ने कहा है कि, यूक्रेन को तुरंत आधुनिक हथियार की जरूरत है। रूस के आर्टिलरी सिस्टम की ताकत से यूक्रेन बहुत चिंतित है। इससे निपटने के लिए यूक्रेन को तुरंत आधुनिक हथियार चाहिए। वहीं, यूक्रेन लगातार पश्चिमी देशों से लंबी दूरी वाले रॉकेट सिस्टम की मांग कर रहा है। यहां तक कि, यूक्रेन सेना और सरकारी अधिकारी भी मानते हैं कि यूक्रेन की हालत ठीक नहीं है। यूक्रेन के सैनिक आर्टिलरी युद्ध में फंस गए हैं। अमेरिकी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर ने यह भी कहा है कि, पूर्वी यूक्रेन में प्रभावी लड़ाई में आर्टिलरी की निर्णायक भूमिका होने वाली है।